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गुजरात: गृहमंत्री अमित शाह बोले- पीएम मोदी ने हर गांव को बिजली से जोड़ा, पहले शहर भाग रहे थे लोग

गुजरात: गांधीनगर। गुजरात के ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद के 41वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहले बिजली न होने के कारण लोग गांव से टूटते जा रहे थे और शहर की ओर जा रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने हर गांव के अंदर बिजली पहुंचाने का काम […]

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  • June 12, 2022 2:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

गुजरात:

गांधीनगर। गुजरात के ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद के 41वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहले बिजली न होने के कारण लोग गांव से टूटते जा रहे थे और शहर की ओर जा रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने हर गांव के अंदर बिजली पहुंचाने का काम किया है।

पहले नहीं थी गांवों में बिजली

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ग्रामीण विकास का पहलू है गांव को सुविधायुक्त बनाना। इसके लिए गांव की दूर-दराज से कनेक्टिविटी ज़रूरी है। गांव में बिजली नहीं थी, एक आइसक्रीम की दुकान किसी को खोलनी है तो वो नहीं खोल सकता। क्या गांव के युवाओं को आइसक्रीम की दुकान खोलने का अधिकार नहीं है?

महात्मा गांधी का किया जिक्र

दीक्षांत समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि गांधी जी ने कहा था कि देश की आत्मा गांवों में बसती है। इस प्रकार, यदि आपको इस देश को पूर्ण, स्वतंत्र बनाना है, तो आपको इसे गांवों के लिए करना होगा। भारत में ये तब शुरू हुआ जब 2014 में पीएम मोदी सत्ता में आए।

दीक्षांत समारोह में कही ये बात

अमित शाह ने ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद के 41वें दीक्षांत समारोह में कहा कि अगर आप सब IRMA को गुरुदक्षिणा देना चाहते हैं तो ये प्रण लेकर जाइए कि मेरे पूरे जीवन में मेरी धरती ग्रामीण विकास से जुड़ी हुई होगी और गांव के गरीब को समृद्ध करने के लिए समर्पित रहेगी।

मुग़ल साम्राज्य पर भी दिया था बयान

बता दें कि इससे पहले कल गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि इतिहास हार और जीत के आधार पर नहीं बल्कि उस घटना ने क्या परिणाम छोड़ा इस आधार पर लिखा जाता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश इतिहासकारों ने सिर्फ मुगलों का इतिहास लिखा और मुगलों के इतिहास को वरीयता दी। पांड्या, चोल, मौर्य, गुप्त और अहोम जैसे कई साम्राज्यों के गौरवशाली इतिहास को अनदेखा किया गया।

सच सामने आएगा

अमित शाह ने आगे कहा कि इन सब राजाओं और साम्राज्यों पर भी संदर्भ ग्रंथ लिखने की ज़रूरत है। इससे सच अपने आप सामने आ जाएगा। अमित शाह ने इसी कड़ी में सरकारी कदम का भी ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत सरकार भी इस मामले में पहल कर रही है, लेकिन जब सरकारें इतिहास लिखती हैं तो उसमें समस्या आती है। उचित है कि समाज से विद्वान निकल कर सामने आए, संदर्भ ग्रंथ लिखें।

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