गांधीनगर: होली के अवसर पर जब लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और मस्ती करते नज़र आ रहे हैं. वहीं, गुजरात के सूरत ज़िले के गांव सरस में होली को कुछ अद्भुत ही अंदाज में मनाया जा रहा है. इस गांव के लोग भड़कते अंगारों पर चलकर होली मना रहे हैं. जहां होलिका दहन उत्सव […]
गांधीनगर: होली के अवसर पर जब लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और मस्ती करते नज़र आ रहे हैं. वहीं, गुजरात के सूरत ज़िले के गांव सरस में होली को कुछ अद्भुत ही अंदाज में मनाया जा रहा है. इस गांव के लोग भड़कते अंगारों पर चलकर होली मना रहे हैं. जहां होलिका दहन उत्सव के बाद भड़कते अंगारों पर चलने की तस्वीरें व वीडियो बेहद चौंकाने वाला है.
दरअसल गुजरात के इस इलाके में बरसों से ऐसी परंपरा चली आ रही है, जहां होलिका दहन के बाद जब आग दहकते अंगारों के रूप में बच जाती है. इसके बाद गांव के निवासी इन्हीं दहकते शोलो पर चलते हैं. इस साल भी गांव के निवासियों ने ठीक ऐसा ही कुछ किया. होलिका दहन उत्सव के बाद बचे दहकते अंगारों पर लोगो को चलते देखा गया है. जिसमें युवाओं ने खासतौर पर हिस्सा लिया है. गांव के लोगों ने अंगारों पर चलने के लिए चप्पल या जूते का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि वह नंगे पैर ही चले है. जिसको देखकर सब लोग ही अचंबित है.
बताया जा रहा है कि इस परम्परा के पीछे मान्यता है कि दहकते अंगारों पर चलने से ताकत प्रदान होती है. साथ ही मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सबसे हैरानी वाली बात तो यह है कि ये पहला गांव नहीं है जहां ऐसा किया जाता है, और भी कई स्थान हैं जहां या तो लोग अंगारों पर चलते हैं, या फिर अंगारों को एक दूसरे पर फेंक कर होली मानते है. जहां लोग इसे मस्ती से भरा बताते हैं तो वहीं कई लोग इसे बेहद हानिकारक मानते हैं.