संसद हमले की 16वीं बरसी पर संसद भवन में शहीदों की याद में आयोजित सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी, निर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का औपचारिक दुआ-सलाम भर हुआ लेकिन कोई बात नहीं हुई.
नई दिल्लीः गुजरात विधानसभा चुनाव के दो चरण के प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की तरफ से ‘नीच आदमी’ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से ‘औरंगजेब राज’ जैसी तीखी बयानबाजी की तल्खी दिल्ली पहुंच गई है. संसद हमले की बरसी पर संसद भवन में शहीदों की याद में आयोजित सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी, निर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का औपचारिक दुआ-सलाम भर हुआ लेकिन कोई बात नहीं हुई. 15 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और ऐसे में प्रधानमंत्री और कांग्रेस के अध्यक्ष के बीच रिश्तों में आई ये ठंडक संसद सत्र के हंगामेदार होने के आसार बना रहे हैं.
13 दिसंबर को संसद पर हमले की बरसी के अवसर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कई सांसद श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे. लेकिन गौर करने वाली बात जो दिखी वो ये कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी का पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बस औपचारिक दुआ-सलाम हुआ. श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से मिले. राहुल गांधी ने भी बाद में उनके परिजनों से बातचीत की. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़े और कुछ देर तक कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला से बातचीत करते रहे.
सोनिया गांधी और राहुल गांधी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ करीब 5 मिनट तक गुफ्तगू करते दिखे. इसके बाद राहुल गांधी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाते दिखे. राहुल और सोनिया उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ-साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी कुछ देर बातचीत करते नजर आए. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला से करीब 10 मिनट तक गुफ्तगू करते रहे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राहुल गांधी या सोनिया गांधी से कोई खास बातचीत नहीं हुई, जिसको लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज हो गई है.
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