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Gujarat elections 2022 : गुजरात की सीटों का गुना-भाग! 2017 में कहाँ किसका पलड़ा रहा था भारी

अहमदाबाद. गुजरात में आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सभी पार्टियों ने तैयारियां तेज़ कर दी हैं. आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, आम आदमी पार्टी की हर कोशिश है कि इस बार वो सत्ता में आए. वहीं, दूसरी ओर भाजपा सत्ता में बने […]

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Gujarat elections 2022 : गुजरात की सीटों का गुना-भाग! 2017 में कहाँ किसका पलड़ा रहा था भारी
  • November 10, 2022 7:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

अहमदाबाद. गुजरात में आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सभी पार्टियों ने तैयारियां तेज़ कर दी हैं. आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, आम आदमी पार्टी की हर कोशिश है कि इस बार वो सत्ता में आए. वहीं, दूसरी ओर भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए आम आदमी पार्टी को तगड़ी चुनौती दे रही है. गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने 160 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, ऐसे में आइए आपको साल 2017 के विधानसभा चुनाव के बारे में बताते हैं, कहाँ किसे कितनी सीटें मिली थी इस बारे में जानते हैं-

2017 में कहाँ भाजपा ने मारी थी बाज़ी

गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 92 सीटों की जरूरत होती है, अब अगर साल 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में भाजपा को 99, कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं थी जबकि छह सीटें निर्दलीय और अन्य के खाते में गई थीं. अब अगर हम राज्य की सीटों को क्षेत्रवार देखें तो मध्य गुजरात में 61, सौराष्ट्र एवं कच्छ में 54, उत्तर गुजरात में 32 और दक्षिण गुजरात में 35 सीटें आती हैं, अब आइए इन सीटों पर हुई जीत-हार के बारे में बात करते हैं-
मध्य गुजरात की 61 में से 37 सीटें भाजपा की झोली में आई थी जबकि कांग्रेस को 22 सीटें मिली थीं, वहीं, यहाँ अन्य के खाते में दो सीटें गई थीं. यानी, मध्य गुजरात में भाजपा ने बड़ी बढ़त हासिल की थी, अब अगर हम कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्र की बात करें तो यहाँ कांग्रेस का प्रदर्शन भाजपा से बेहतर रहा था. कांग्रेस इस इलाके की 54 में से 30 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं, भाजपा के खाते में 23 सीटें गई थीं जबकि एक सीट अन्य के खाते में गई थी.
इसी कड़ी में अगर उत्तर गुजरात की बात करें तो यहाँ भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई थी. इस इलाके की 32 में से 17 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी जबकि 14 सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली थी वहीं एक सीट पर कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जिग्नेश मेवाणी ने जीत हासिल की थी. अब अगर हम दक्षिण गुजरात की बात करें तो यहाँ भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की थी. इस इलाके की 35 सीटों में से 25 पर भाजपा जीती थी, जबकि कांग्रेस की झोली में महज़ आठ सीटें आई थी, वहीं बाकी बची दो सीटों पर अन्य ने जीत हासिल की थी.

किन इलाकों में भाजपा ने जीती बाज़ी

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य और दक्षिण गुजरात में बढ़त बनाई थी जबकि सौराष्ट्र-कच्छ में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था. हालांकि, सौराष्ट्र में बेहतर प्रदर्शन होने के बावजूद यहाँ के सबसे बड़े जिले राजकोट में कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई थी. जिले की आठ में से छह सीटें भाजपा के खाते में गई थी, अब अगर हम उत्तर गुजरात की बात करें तो यहाँ भी कांग्रेस का प्रदर्शन भाजपा से बेहतर था. इस इलाके में कांग्रेस को भाजपा से तीन सीटें ज्यादा मिली थीं यहाँ भाजपा को 14 सीट मिली थी जबकि कांग्रेस को 17 सीट मिली थी. वहीं, एक सीट पर कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. मध्य गुजरात सीटों के लिहाज से गुजरात का सबसे बड़ा इलाका माना जाता है क्योंकि इसी इलाके में अहमदाबाद, वडोदरा जैसे जिले आते हैं, जो भाजपा का गढ़ माने जाते हैं और यही गढ़ भाजपा के लिए निर्णायक साबित हुआ था. इस इलाके की 61 में से 37 सीटों पर भाजपा का कमल खिला था, वहीं, दक्षिण गुजरात की बात करें तो यहाँ 35 में से 25 सीटें अकेले भाजपा के खाते में गई थीं. इस इलाके में कांग्रेस ने सबसे कमजोर प्रदर्शन किया था. दक्षिण गुजरात और अहमदाबाद, वडोदरा जैसे बड़े जिलों में जीत की वजह से भी भाजपा सत्ता में वापसी कर पाई थी.

जिलेवार ब्यौरा

अब अगर हम गुजरात का जिलेवार ब्यौरा जानें तो यहाँ कुल 33 जिले हैं और इन जिलों में अहमदाबाद में सबसे ज्यादा 21, सूरत में 16 और वडोदरा में 10 सीटें हैं ये तीनों ही जिले मध्य गुजरात में आते हैं जिन्हें भाजपा का गढ़ कहा जाता है, यहाँ भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की थी. साल 2017 में भाजपा को अहमदाबाद की 21 में से 15, सूरत की 16 में से 15 और वडोदरा की 10 में से आठ सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी, इन तीन जिलों में ही भाजपा 38 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
अब अगर अहम अगर, नौ सीट वाले बनासकांठा और आठ सीट वाले राजकोट को भी जोड़ लें तो पांच सबसे ज्यादा सीटों वाले जिलों में भाजपा ने 47 सीटें हासिल की थी, इन जिलों की कुल 64 में से केवल 16 सीट ही कांग्रेस जीत पाई थी जबकि कुल 33 में 13 जिलों में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं थी. वहीं, 15 जिलों में कांग्रेस की सीटें भाजपा से ज्यादा थी जबकि पांच जिले ऐसे थे जहां दोनों पार्टियों की सीटें बराबर ही थीं, साल 2017 में तो कांग्रेस ने भाजपा को कांटे की टक्कर दी थी, लेकिन इस बार कांग्रेस का टिकट काटने के लिए आम आदमी पार्टी मैदान में कूद पड़ी है.

ऐसे जिले जहाँ नहीं खुला कांग्रेस और भाजपा का खाता

साल 2017 में बहुत से जिले ऐसे भी रहे जहाँ दोनों ही पार्टियों का खाता नहीं खुला, ऐसे कुल सात जिले थे जहां भाजपा खाता भी नहीं खोल पाई थी, इनमें अमरेली, नर्मदा, डांग्स, तापी, अरावली, मोरबी और गिर सोमनाथ जिले शामिल थे, वहीं, दो जिले ऐसे थे जहां 2017 में कांग्रेस का खाता नहीं खुला था, इनमें पंच महल और पोरबंदर जिला शामिल था.

 

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