अहमदाबाद : गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में भी भाजपा अपनी जीत का सिलसिला कायम रखना चाहती है. जिसे हासिल करने के लिए दल ने इस बार चरणबद्ध तरीके से योजना तैयार की है. जानकारी के अनुसार पार्टी ने जिलेवार और सीटवार नेताओं को प्रचार की जिम्मेदारी दी है. कई राज्यों के बड़े मंत्रियों द्वारा भी […]
अहमदाबाद : गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में भी भाजपा अपनी जीत का सिलसिला कायम रखना चाहती है. जिसे हासिल करने के लिए दल ने इस बार चरणबद्ध तरीके से योजना तैयार की है. जानकारी के अनुसार पार्टी ने जिलेवार और सीटवार नेताओं को प्रचार की जिम्मेदारी दी है. कई राज्यों के बड़े मंत्रियों द्वारा भी गुजरात चुनाव का प्रचार करने की संभावना जताई जा रही हैं. हालांकि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अब तक विधानसभा के कार्यक्रम का ऐलान नही किया गया है.
182 सीटों वाले पूरे गुजरात को उत्तर, पश्चिम, मध्य क्षेत्र समेत सौराष्ट्र में बांटा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो क्षेत्रों और जिलेवार जिम्मेदारियां राज्य के मंत्रियों, विधायकों, पूर्व विधायकों और आरएसएस से जुड़े लोगों को दी गई हैं. क्रमश: सौराष्ट्र, पश्चिम, उत्तर और मध्य क्षेत्र की जिम्मेदारियां उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के नताओं को सौंपी गई हैं.
भाजपा ने इस बार चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों को कांग्रेस नियंत्रण वाली सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है. रिपोर्ट्स की मानें तो स्वतंत्र देव सिंह को अंबासा, मांडवी, भुज, अंजर, गांधीधाम और रापड़ दिए गए हैं. राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांद बाजपेयी को जूनागढ़ का प्रभारी बना दिया गया है. मालूम हो कि बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जूनागढ़, विश्वाधार, मंगरोल, मनवदार में जीत अपने नाम की थी. जबकि, भाजपा इस ओर केवल केशोद सीट ही जीत पाई थी.
जानकारी के अनुसार पार्टी ने एमपी के नेताओं को मध्य क्षेत्र का जिम्मा दिया है. अनुसूचित जनजाति को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के दो नेताओं को दो-दो सीटें दी गई हैं. बता दें, मध्य गुजरात में 7 जिले हैं जहां 37 सीटों पर भाजपा का ही राज है. इनमें दाहोद, महिसागर, मेहसाणा और बड़ौदा शहरी सीट शामिल हैं. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा बानसकांठा यहां का काम देखने वाले हैं. उनके अलावा अरविंद सिंह भदौरिया के पास भरूच और इंद्र सिंह परमार के पास खेड़ा रहेगा.
राजस्थान से आए प्रवासियों की संख्या गुजरात के उत्तर क्षेत्र में काफी ज्यादा है. आंकड़ों की मानें तो राज्य के 18 से 20 फ़ीसदी मतदाता राजस्थान के प्रवासी ही हैं. ऐसे में भाजपा ने राजस्थान सरकार में मंत्री सुशील कटारा समेत कुछ नेताओं को इस क्षेत्र की कमान सौंप दी है. इसके अलावा राज्यमंत्री जेपीएस राठौर महिसागर जिले के बालासिनोर, लूनवाड़ा और संतरामपुर सीट पर पकड़ बनाएंगे। पिछले चुनावी साल में भाजपा को संतरामपुर सीट पर सफलता मिली थी. वहीं राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह द्वारा राजकोट जिला देखने की उम्मीद है.
बीते 24 सालों से राज्य में भाजपा की सरकार रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद राज्य में 12 साल तक मुख्यमंत्री रहे. उनसे पहले केशुभाई पटेल ने इस पद को संभाला था. मोदी के बाद आनंदीबेन पटेल, विजय रूपाणी भी गुजरात सीएम पद पर रहे. फिलहाल यह गद्दी भूपेंद्र पटेल के नाम है. इस बार चुनाव की खास बात आम आदमी पार्टी रहेगी. जिसके चलते मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है. मीडिया सर्वे बताते हैं कि राज्य में अभी भी मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस का ही है. फिलहाल गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को खत्म हो रहा है.
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