गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 नतीजे: जानिए जनता पर क्यों नहीं चला राहुल गांधी का मैजिक ?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी के मुद्दे पर कई शहरों में व्यापारियों से मुलाकात की. इसके लिए उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस की सरकार बनी तो जीएसटी नए सिरे से लागू होगा.

Advertisement
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 नतीजे: जानिए जनता पर क्यों नहीं चला राहुल गांधी का मैजिक ?

Aanchal Pandey

  • December 18, 2017 12:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

गांधीनगर. गुजरात में बीजेपी एक बार फिर से बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. रुझानों के आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मैजिक और कांग्रेस की जातीय समीकरण साधने की कोशिशें फुस्स साबित होती दिखाई दे रही हैं. रुझानों के आधार पर ऐसा दिखाई देता है कि गुजरात चुनाव में कई मामलों में परिपक्व व अपडेट नजर आए राहुल गांधी को गुजरात की जनता ने नकार दिया. 22 साल से सत्ता में रहने के बावजूद भी कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को भुनाने में नाकाम रही. इसके लिए चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि गुजरात की जनता ने बीजेपी के विकास मॉडल पर मुहर लगाई है. नतीजों ने साबित कर दिया कि गुजरात की जनता कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है.

गुजरात चुनावों के बीच में राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के पीछे माना जा रहा था कि इससे वोटर प्रभावित होगा. साथ ही युवा वर्ग कांग्रेस से प्रभावित होगा लेकिन इन कोशिशों पर भी पानी फिर गया है. गुजरात चुनावों में राहुल गांधी के भाषण में धार नजर आई, वहीं वे सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को घेरने में काफी हद तक सफल नजर आए लेकिन सत्ताविरोधी लहर बनाने में वे नाकाम नजर आए. ऐसे समय में जबकि बीजेपी 22 साल से सत्ता में काबिज है, कांग्रेस के पास सत्ताविरोधी लहर पैदा करने का काफी अच्छा मौका था लेकिन पार्टी हाईकमान में दूरदर्शिता की कमी का अभाव नजर आया. राहुल गांधी अधिकांश समय सिर्फ पीएम मोदी पर ही निशाना साधने में मगशूल नजर आए.

गुजरात में पाटीदार समुदाय के करीब 20 फीसदी वोटर हैं. इनमें भी यहां दो उपजातियां हैं. कड़ुवा और लेउआ. हार्दिक पटेल कड़ुवा उपजाति से आते हैं. कडुवा का वोट प्रतिशत 40 है वहीं लेउआ का वोट प्रतिशत 60. इसमें कांग्रेस की नजर सिर्फ हार्दिक पटेल पर रही न कि उपजातियों पर. विश्लेषकों का यह भी मानना है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पूरे पाटीदार समुदाय को भी ठीक से नहीं समझ पाए और पाटीदार वोटबैंक को गंवा बैठी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी के मुद्दे पर कई शहरों में व्यापारियों से मुलाकात की. इसके लिए उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस की सरकार बनी तो जीएसटी नए सिरे से लागू होगा. इसके बावजूद वे तमाम व्यापारियों तक इस संदेश को ‘सकारात्मक वे’ में पहुंचाने में नाकाम रहे. बीजेपी से व्यापारी वर्ग खासा नाराज था. इसके बावजूद व्यापारी वर्ग ने कांग्रेस के साथ जाने के बजाय बीजेपी को वोट दिया.

Tags

Advertisement