गांधीनगर : भारत में सरकारी नौकरी का इतना रूतबा है कि इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि क्लर्क परीक्षा में पास होने के लिए लोग 10 लाख से अधिक रूपये दे देते है. ये तो बात हुई धांधली करने वालो की लेकिन एक वर्ग इसके इतर भी है जो सरकारी नौकरी […]
गांधीनगर : भारत में सरकारी नौकरी का इतना रूतबा है कि इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि क्लर्क परीक्षा में पास होने के लिए लोग 10 लाख से अधिक रूपये दे देते है. ये तो बात हुई धांधली करने वालो की लेकिन एक वर्ग इसके इतर भी है जो सरकारी नौकरी को अपने प्रतिष्ठा से जोड़ के देखता है. भारत में सरकारी नौकरी करने वालों को काफी प्रतिष्ठत माना जाता है उनकी समाज में अलग पहचान रहती है लेकिन उनके मंसूबे पर सरकारे पानी फेर देती है.
गुजरात में जूनियर क्लर्क के पेपर लीक हो गया था जिसके बाद लाखों छात्रों को निराशा हाथ लगी थी. लेकिन उसके बाद वहां की सरकार न कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ लिया है और उनको वडोदरा कोर्ट ने 10 दिन की रिमांड पर भेज है. गुजरात एटीएस ने बहुत ही कड़ी सुरक्षा के बीच 15 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. एटीएस ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने 10 दिन की रिमांड मंजूर की. 29 जनवरी को होने वाली गुजरात पंचायत सेवा चयन का पर्ची लीक हो गया था उसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गई.
पुलिस ने 15 आरोपियों को पकड़ लिया है और उनकी 10 दिन की रिमांड ले ली है. पुलिस जुटी है कि इसमें और कौन-कौन लोग शामिल है और इनका किस गैंग के साथ कनेक्शन है. वहीं जीपीएसएसबी ने अगले तीन महीनें में परीक्षा लेने का ऐलान किया है.गुजरात में जो पहले भी पर्चे लीक हुए थे उसकी भी जांच एटीएस जांच कर रही है. 15 लोगों को गुजरात से और 1 लोग को हैदराबाद ने गिरफ्तार किया है, एटीएस ने कुल 16 लोगों लोगों को गिरफ्तार किया है. एटीएस का कहना है कि पेपर लीक का मास्टरमाइंड प्रदीप नायक है जिसको एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है. प्रदीप ने परीक्षा का पेपर हैदराबाद की प्रिटिंग प्रेस से मिला था. एटीएस ने आरोपियों के खिलाफ 120 बी, 406, 409 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
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