गांधीनगरः गुजरात चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का बीजेपी ने तोड़ निकाल लिया है. सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी इस बार करीब 40 से 60 प्रतिशत मौजूदा विधायकों पर गाज गिरा सकती है. यानी इस बार बीजेपी के करीब 50 से ज्यादा मौजूदा विधायकों का टिकट कट सकता है. बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सूबे में सत्ता विरोधी लहर की हवा निकालने के लिए ये खास प्लान तैयार किया है. दरअसल बीजेपी को इस बार विपक्षी दलों से कड़ी चुनौती मिल रही है. एक वजह गुजरात के व्यापारियों के बड़े वर्ग का बीजेपी से नाराज होना बताया जा रहा है. दूसरी ओर बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे की कैंडिडेट लिस्ट का भी इंतजार कर रही हैं, ताकि दोनों पार्टियां एक-दूसरे से बेहतर रणनीति तैयार कर सकें.
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने करीब एक हफ्ते पहले 16 नवंबर को कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने का ऐलान किया था. बीजेपी की चुनाव कार्य समिति भी इसी सिलसिले में 15 नवंबर को मीटिंग कर चुकी है लेकिन अभी तक दोनों ही पार्टियों ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है. चुनाव की तारीखें नजदीक हैं बावजूद इसके दोनों ही पार्टियों के अपने पत्ते न खोलना इस बात की ओर इशारा करता है कि बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे की कैंडिडेट लिस्ट का इंतजार कर रही हैं ताकि वो उसके मुताबिक अपनी रणनीति बना सके और समीकरण देखकर अपना उम्मीदवार तय कर सकें. शुक्रवार को सोनिया गांधी दिल्ली लौट रही हैं और उनकी अध्यक्षता में सीईसी की एक मीटिंग रखी गई है. माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया जा सकता है.
1 जुलाई, 2017 को देश में लागू हुए जीएसटी की वजह से गुजरात का व्यापारी वर्ग बीजेपी से खासा नाराज चल रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद राज्य के व्यापारियों ने कई दिनों तक सड़कों पर प्रदर्शन किया था. व्यापारियों ने जीएसटी को वापस लेने की मांग की थी. हालांकि केंद्र सरकार के लिए मील का पत्थर माने जाने वाले जीएसटी को वापस लेना इतना आसान नहीं है. लिहाजा केंद्र सरकार जीएसटी की दरों और टैक्स स्लैब में आने वाले सामानों में जरूर दो बार रियायत दे चुकी है. इसी माह गुवाहाटी में जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी में दूसरा संशोधन किया गया था.
ऐसा माना जा रहा है कि यह संशोधन गुजरात चुनाव के चलते ही किया गया. ऐसा करके सरकार ने व्यापारियों के गुस्से को थोड़ा कम करने की एक कोशिश की है. साथ ही केंद्र सरकार इस बात की ओर भी इशारा कर चुकी है कि जरूरत पड़ी तो एक बार फिर जीएसटी में संशोधन किया जा सकता है. जीएसटी पर रोलबैक के फैसले को कांग्रेस ने अपनी जीत बताया. कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने जीएसटी को लेकर सरकार के रोलबैक पर गुजरात का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि अगर गुजरात चुनाव न होते तो देश की जनता को यह लाभ नहीं मिल पाता.
दूसरी ओर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी लगातार गुजरात के चुनावी मिशन पर है. राहुल गांधी राज्य में ताबड़तोड़ जनसभाएं और रैलियां कर रहे हैं. राहुल विकास, नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार को घेरने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि कांग्रेस करीब दो दशक से सूबे की सत्ता से बाहर है. बीजेपी की मुश्किलें यहीं कम नहीं होती, दरअसल पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर भी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. कांग्रेस हर हाल में इन तीनों नेताओं को अपने पाले में लाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. बहरहाल अमित शाह की रणनीति गुजरात की सत्ता में वापसी के लिए कितना कारगर साबित होती है, यह तो 18 दिसंबर को ही पता चलेगा.
Womens Premier League 2025: वीमेंस प्रीमियर लीग 2025 के मुकाबले लखनऊ और बड़ौदा में खेले…
Indian Cricket Team: इंग्लैंड का भारत दौरा 22 जनवरी से 12 फरवरी तक चलेगा. इसके…
Cashless Treatment Scheme: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को नई…
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी दिल्ली चुनाव के दंगल में उतर…
Supreme Court: 2015 में दाखिल इस याचिका में जजों के कम वेतन और सेवानिवृत्ति के…
मिनी मुंबई इंदौर से सामने आया है. आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले इंदौर…