गुजरात विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए पार्टी के नेता वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी लोगों का दिल जीतने की जुगत में मंगलवार को परंपरा से जुड़े ऊंट गाड़ी से अंजार में रैली को संबोधित करने पहुंचे. इससे पहले राहुल गांधी द्वारका में किसानों को संबोधित करने बैलगाढ़ी से पहुंचे थे.
अहमदाबादः गुजरात विधानसभा चुनाव में बर कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में तमाम पार्टियां मतदाताओं को लुभाने की हर कोशिश रही हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को अंजार में ऊंट गांड़ी में लोगों को रिझाने पहुंचे. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने के बाद राहुल गांधी मंगलवार से फिर गुजरात दौरे हैं. वह 7 दिसंबर तक गुजरात में रहेंगे. मंगलवार को उनका अंजार, मोरबी व सुरेंद्र नगर में कार्यक्रम था हालांकि ओखी तूफान के चलते उनकी मोरबी व सुरेंद्र नगर की रैलियां रद्द हो गईं लेकिन अंजार में हुई रैली में वोट बटोरने के लिए उन्होंने कच्छ की पारंपरिक पहचान माने जाने वाले ऊंट गाड़ी से चुनाव प्रचार का शुरुआत की. इस मौके पर राहुल गांधी को कच्छ की पारंपरिक पगड़ी भी पहनाई गई. रैली के दौरान राहुल गांधी ने वहां मौजूद पारंपरिक वेशभूषा में सजे बच्चों के साथ फोटो खिचवाईं.
इससे पहले राहुल गांधी 26 सितंबर में द्वारका में चुनाव प्रचार में वह किसानों को संबोधित करने बैलगाढ़ी से पहुंचे थे.राहुल गांधी गुजरात के मतदाताओं को रिझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. अपने ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार की कड़ी में राहुल कई रैलियों को संबोधित कर चुके हैं. रैलियों में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व बीजेपी पर जमकर हमला बोला था और अब बैलगाढ़ी व ऊंच गांड़ी से चुनाव प्रचार करके राहुल गांधी जमीनी स्तर के लोगों से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं. कांग्रेस ने जारी किए मेनिफेस्टो में भी वोटरों खासकर पाटीदारों को आरक्षण के नाम पर रिझाने की पूरी कोशिश की है. वहीं युवाओं को नौकरी देने जैसे तमाम वादे घोषणापत्र में कांग्रेस ने किए हैं.
कुछ ही दिनों में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं. दो चरणों में होने वाले इस चुनाव में पहले चरण के लिए वोटिंग 9 दिसंबर को होगी वहीं दूसरे चरण के लिए मतदान 14 दिसंबर को किया जाएगा. जबकि मतगणना 18 दिसंबर को होगी. गुजरात चुनाव को मद्देनजर रखते हुए पार्टी के नेता ताबड़तोड़ रैलियां करने में लगे हैं. एक दिन में तीन से चार रैलियां कर पार्टी नेता चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देना चाहते हैं. वोटरों को लुभाने में वे कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते.
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