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GST Council: क्या तंबाकू, गुटखा और पान मसाले पर लगेगा एक्स्ट्रा टैक्स? वित्त मंत्री ने कही ये बात

नई दिल्ली: आज हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले हुए और इससे आम आदमी को काफी राहत मिली है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज की जीएसटी परिषद की बैठक में किसी भी वस्तु पर कोई कर नहीं बढ़ाया गया। इस बैठक में पान मसाला और गुटखा उत्पादों पर कर […]

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GST Council: क्या तंबाकू, गुटखा और पान मसाले पर लगेगा एक्स्ट्रा टैक्स? वित्त मंत्री ने कही ये बात
  • December 17, 2022 5:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: आज हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले हुए और इससे आम आदमी को काफी राहत मिली है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज की जीएसटी परिषद की बैठक में किसी भी वस्तु पर कोई कर नहीं बढ़ाया गया। इस बैठक में पान मसाला और गुटखा उत्पादों पर कर बढ़ाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज की जीएसटी परिषद की बैठक के व्यस्त कार्यक्रम के कारण तंबाकू कर और गुटखा पर चर्चा संभव नहीं है. राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी परिषद में दालों के छिलके पर टैक्स की दर को 5% से घटाकर शून्य करने का निर्णय लिया गया है.

 

राजस्व सचिव ने दी फैसलों की जानकारी

जीएसटी परिषद ने शनिवार को कुछ अभियोजन कार्यवाही शुरू करने की सीमा को बढ़ा दिया है. आपको बता दें, इसे दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने का फैसला किया गया है. जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक के बाद राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने लिए गए इन फैसलों की जानकारी दी।

 

गुटखा पर टैक्स बढ़ाने को लेकर फैसला नहीं

 

साथ ही, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह समय की कमी के कारण, जीएसटी परिषद एजेंडे में शामिल 15 में से आठ मुद्दों पर ही निर्णय ले सकी। मल्होत्रा ​​​​ने कहा कि ऑनलाइन जुआ और कैसीनो पर जीएसटी लगाने पर बैठक में चर्चा नहीं की गई क्योंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने कुछ दिन पहले इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी।

साथ ही जीएसटी अपराधों के कंपाउंडिंग के लिए करदाता की ओर से देय शुल्क को कर राशि के 25 फीसदी तक कम करने की बात भी कही गई है. बता दें, ये राशि वर्तमान में 150 प्रतिशत है. व्यापार करने में आसानी में सुधार (Ease of doing business) की दृष्टि से समिति ने यह बात कही है। वर्तमान में 5 करोड़ रुपये से अभियोजन शुरू करने की सीमा को समिति ने बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का सुझाव भी दिया है. अभियोजन शुरू करने का मतलब कर अधिकारियों की ओर से अपराधी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करना है।ख़बरों की मानें तो पान मसाला और गुटखा कंपनियों की ओर से कर चोरी पर जीओएम की रिपोर्ट पर भी बैठक में विचार किया जा सकता है.

 

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