GST: व्यापारियों को बड़ी राहत! जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए ये कई फैसले

नई दिल्ली। शनिवार को हुई जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल माध्यम से बैठक की अध्यक्षता की और बजट से पहले व्यापारियों और आम लोगों को बड़ी राहत देने वाले निर्णय लिए। बता दे , जीएसटी काउंसिल ने बैठक के दौरान नियमों के अनुपालन […]

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GST: व्यापारियों को बड़ी राहत! जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए ये कई फैसले

Tamanna Sharma

  • December 18, 2022 10:54 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। शनिवार को हुई जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल माध्यम से बैठक की अध्यक्षता की और बजट से पहले व्यापारियों और आम लोगों को बड़ी राहत देने वाले निर्णय लिए। बता दे , जीएसटी काउंसिल ने बैठक के दौरान नियमों के अनुपालन में की जा रही कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर सहमति दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काउंसिल ने अभियोजन शुरू करने की सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने और नकली चालान के लिए एक करोड़ रुपये की सीमा बरकरार रखने का फैसला गया है।

15 में से 8 मुद्दों पर हुआ निर्णेय

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि समय की कमी की वजह से जीएसटी काउंसिल ने एजेंडा में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी है। इस बैठक के दौरान पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया है। उन्होंने आगे कहा कि समय इतना कम था कि जीओएम की रिपोर्ट जीएसटी परिषद के सदस्यों को भी नहीं दी जा सकी है।

3 तरह की गड़बड़ियां को हटाया अपराध श्रेणी से

बता दें ,राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बैठक के बादकहा कि काउंसिल ने जीएसटी के तहत 3 तरह की गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला किया है। जिसमें किसी भी अधिकारी के काम में बाधा डालना, सबूतों के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ और जानकारी देने में विफल रहना शामिल होता है। उन्होंने आगे कहा कि आपूर्ति के बिना चालान जारी करने के अपराध को छोड़कर और अन्य मामलों में जीएसटी के तहत अभियोजन शुरू करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये कर दी गई है। उन्होंने अंत में बताया कि इसके साथ ही कंपाउंडिंग राशि को भी घटाकर 25 से 100 प्रतिशत कर दिया गया है और यह राशि इस समय 50 से 150 प्रतिशत के बीच में है।

 

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