Group captain varun singh last letter : नई दिल्ली. Group captain varun singh last letter : तमिलनाडु हेलीकाप्टर क्रैश हादसे में एकमात्र बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का आज बेंगलूर के अस्पताल में निधन हो गया. लेकिन जाते-जाते ग्रुप कप्तान वरुण सिंह हमें जिंदगी की कुछ ऐसी सीख दे गये जो एक साधारण स्टूडेंट को […]
नई दिल्ली. Group captain varun singh last letter : तमिलनाडु हेलीकाप्टर क्रैश हादसे में एकमात्र बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का आज बेंगलूर के अस्पताल में निधन हो गया. लेकिन जाते-जाते ग्रुप कप्तान वरुण सिंह हमें जिंदगी की कुछ ऐसी सीख दे गये जो एक साधारण स्टूडेंट को असाधारण बना सकती है. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को अगस्त 2021 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.
शॉर्य चक्र मिलने का बाद वरुण सिंह ने अपने स्कूल को एक चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में वरुण सिंह ने बताया था कि वह कितने साधारण स्टूडेंट थे और कैसे उन्होंने खुद को एक शानदार करियर और असाधारण जिंदगी के लिए तैयार किया. उस चिट्ठी में उन्होंने ऐसी 5 बड़ी सीख दी जो एक व्यक्ति को शानदार करियर, अच्छा आचरण और जीवन में बड़ी उपलब्धियों के लिए प्रेरित करता है.
‘मैं एक बहुत ही साधारण स्टूडेंट था. क्लास 12 में मुश्किल से फर्स्ट डिवीजन मार्क्स मिले थे. हालांकि मैं काफी अनुशासित था, लेकिन फिर खेल और अन्य को-करिकुलर गतिविधियों में बिल्कुल साधारण था. लेकिन मुझमें हवाई जहाज और एविएशन को लेकर जुनून था. मैं एनडीए (NDA) गया, ऑफिसर कैडेट के रूप में पास हुआ. लेकिन पढ़ाई या खेल किसी में कभी बहुत अच्छा नहीं कर सका.
सब कुछ तब बदला जब मैं एयरफोर्स एकेडमी पहुंचा. मुझे एहसास हुआ कि एविएशन के लिए मेरा जुनून मुझे बाकी साथियों से थोड़ा बेहतर बनाता है. तब भी मुझमें अपनी काबिलियत पर विश्वास की कमी थी. आत्मविश्वास की कमी थी. क्योंकि मुझे हमेशा लगता था कि मैं साधारण बन रहने के लिए ही हूं.
लेकिन फाइटर स्क्वॉड्रन में बतौर यंग फ्लाइट लेफ्टिनेंट कमीशन पाने के बाद मुझे लगा कि अगर मैं अपना दिल और दिमाग इस काम में लगा दूं, तो अच्छा कर सकता हूं. मैंने खुद को अपना बेस्ट बनाने पर काम शुरू किया. पहले की तरह सिर्फ पास हो जाने के लक्ष्य के विपरीत. यह वो समय था जब मेरी व्यक्तिगत और व्यवसायिक जिंदगी में सबकुछ बदलना शुरू हुआ. आज मैं अपने करियर में मुश्किल पड़ावों से पहुंचा हूं.’
1- ‘एक साधारण स्टूडेंट होने में कोई बुराई नहीं है. स्कूल में हर कोई अच्छा प्रदर्शन करें ये जरुरी नहीं है, हर किसी की कोई ना कोई टैलेंट जरूर होता है. जरुरी नहीं है हर किसी को पेपर में फुल मार्क्स मिले, हर छात्र अलग है. अगर आप स्कूल में लाजवाब परफॉर्मेंस नहीं दे पाते, तो इसका मतलब यह नहीं कि आप साधारण बने रहने के लिए ही बने हैं. आप स्कूल में साधारण हो सकते हैं, लेकिन इससे यह तय नहीं हो सकता कि आपको जिंदगी में आगे क्या मिलेगा.’
2- ‘अपने अंदर की आवाज सुने। जो भी आप मन से करना चाहते हो, उसमें अपना 100 फीसदी दें। ये कुछ भी हो सकता है, स्पोर्ट्स, कला, लिटरेचर, गाना इत्यादि। कभी भी कोई निर्णय दूसरे की बात सुनकर ना लें’
3- ‘कभी भी यह सोचकर सोने न जाएं कि मैं थोड़ी और कोशिश कर सकता/ सकती थी.’ यानी हर रोज अपने लक्ष्य की दिशा में हर छोटे से छोटे काम में भी अपना 100 फीसदी दें.
4-‘ये बिलकुल भी ना सोचे कि बारहवीं के मार्क्स आपका आगे का जीवन तय करेंगे, खुद पर विश्वास रखें और अपने सपनों की दिशा में काम करें.’
5-‘ जो आप करना चाहते है, उसमें शुरुआत में असफलता मिलने से न घबराएं। मेहनत करते रहे और कभी भी निराश न हो. यह आसानी से नहीं मिलेगा. मेहनत लगेगी, कोशिशें करनी होंगी. समय और आराम का बलिदान देना होगा.’