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मुसलमानों के लिए हरा रंग पवित्र, किसने किया तय, जानें क्या कहता है इस्लाम?

नई दिल्ली: इस्लाम धर्म में हरे रंग को बहुत पवित्र माना जाता है. हिंदू धर्म में केसरिया रंग को पवित्र माना जाता है. सनातन धर्म में यह रंग अग्नि से लिया गया है. ऐसा माना जाता है कि भगवा रंग सूर्य, मंगल और बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही केसरिया रंग मानसिक शांति प्रदान […]

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मुसलमानों के लिए हरा रंग पवित्र, किसने किया तय, जानें क्या कहता है इस्लाम?
  • September 25, 2024 10:10 am Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: इस्लाम धर्म में हरे रंग को बहुत पवित्र माना जाता है. हिंदू धर्म में केसरिया रंग को पवित्र माना जाता है. सनातन धर्म में यह रंग अग्नि से लिया गया है. ऐसा माना जाता है कि भगवा रंग सूर्य, मंगल और बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही केसरिया रंग मानसिक शांति प्रदान करता है. भारत में जब भी मुसलमानों की बात होती है तो उसमें हरे रंग का जिक्र जरूर किया जाता है. टीवी हो या फिल्म, अगर इस्लाम को रंग के हिसाब से प्रदर्शित करना हो तो हमेशा हरे रंग का इस्तेमाल किया जाता है.

दो हरी धारीदार चादरें

इस्लाम की सबसे पवित्र किताब कुरान की आयत संख्या 21 में अल्लाह ने जन्नत के लोगों के लिबास को हरा बताया है. इसके अलावा हदीस संग्रह की किताब-सुनन अबू दाऊद में भी इस बारे में लिखा है. हज़रत अबू रमसा (रज़ि.) फ़रमाते हैं कि जब मैं अपने पिता के साथ पैगम्बर मोहम्मद (सल्ल.) के पास गया तो मैंने उन (पैगंबर मोहम्मद) पर दो हरी धारीदार चादरें देखीं.

कैसे चुना गया हरा रंग

बता दें कि मस्जिद-ए-नबवी, (Masjid-e-Nabavi) जिसे “पैगंबर की मस्जिद” के रूप में भी जाना जाता है, इस्लाम की दूसरी सबसे पवित्र मस्जिद है. यह सऊदी अरब के मदीना शहर में स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि इस पवित्र मस्जिद की स्थापना स्वयं पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने की थी. यह मस्जिद इस्लाम को मानने वालों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यह दुनिया की पहली मस्जिद है जिसके गुंबद को हरे रंग से रंगा गया था. जब यह मस्जिद बनाई गई थी, तब इसके गुंबद पर कोई रंग नहीं था.लेकिन 1228 हिजरी में सुल्तान मोहम्मद द्वितीय के आदेश पर इस मस्जिद के गुंबद को हरे रंग से रंग दिया गया.

हरे रंग को माना जाता पवित्र

इस्लामिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरे रंग को पवित्र माना जाता है, इसके अलावा विज्ञान के पास भी हरे रंग को लेकर कुछ तर्क हैं. हरा रंग दृश्य स्पेक्ट्रम में 520-570 नैनोमीटर की तरंग दैर्ध्य के बीच पड़ता है। यह तरंगदैर्ध्य मानव आंखों के लिए सबसे अनुकूल मानी जाती है. इसके अलावा हरे रंग की रोशनी को अधिकतम मात्रा में अवशोषित किया जाता है, जिससे आंखों पर कम दबाव महसूस होता है।

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