नई दिल्लीः ग्रेटर नोएडा सीवरेज मामले को लेकर गुरुवार यानी 18 जनवरी को एजीटी में फिर से सुनवाई हुई। एनजीटी में इस मामले की सुनवाई कर्मवीर नागर प्रमुख और प्रदीप डालहिया द्वारा दाखिल की याचिका पर हुई। एनजीटी ने नोएडा प्राधिकरण की तरफ से 93 गांवों में सीवर कनेक्शन एंव सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए […]
नई दिल्लीः ग्रेटर नोएडा सीवरेज मामले को लेकर गुरुवार यानी 18 जनवरी को एजीटी में फिर से सुनवाई हुई। एनजीटी में इस मामले की सुनवाई कर्मवीर नागर प्रमुख और प्रदीप डालहिया द्वारा दाखिल की याचिका पर हुई। एनजीटी ने नोएडा प्राधिकरण की तरफ से 93 गांवों में सीवर कनेक्शन एंव सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए किए जा रहे प्रयोजन की समस्त प्रगति रिपोर्ट पेश की गई।
अधूरे काम को पूरा करने के लिए एनजीटी ने समय मांगा जिसके बाद कोर्ट ने प्राधिकरण को 2 महीने की मोहलत देते हुए 19 मार्च 2024 को दोबारा सुनवाई की तिथि तय की है। एडवोकेट आकाश वशिष्ठ इस मामले में कर्मवीर प्रमुख की द्वारा दाखिल याचिका पर पैरोकारी कर रहे हैं.
दरअसल ग्रेटर नोएडा के बांगर गांव में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा सीवेज कनेक्शन दिया गया। अब ग्रामवासियों द्वारा जानकारी दी गई है कि कनेक्शन दो महीने पहले किया गया लेकिन उसे मुख्य सीवरेज नेटवर्क से नहीं जोड़ा गया है। हालांकि निरीक्षण के दौरान नालियां चोक होकर ओवरफ्लो होती पाई गई हैं।
वहीं प्राधिकरण कह रहा है कि ग्राम सदुल्लापुर में निरीक्षण के दौरान सीवेज पास स्थित तालाब, नालियों के माध्यम से जुड़ता हुआ पाया गया है। तालाब की नियमित सफाई की जाती है। इसके अलावा घरेलू कचरे को एकत्र करने के लिए डस्टबिन भी रखी गई है।