नई दिल्ली : बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर की हवा गैस चैंबर में तब्दील हो गई है। ऐसे में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। इसे नियंत्रित करने के लिए CAQM ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू करने की घोषणा की है। इसे 15 नवंबर से राजधानी समेत पूरे एनसीआर में लागू […]
नई दिल्ली : बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर की हवा गैस चैंबर में तब्दील हो गई है। ऐसे में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। इसे नियंत्रित करने के लिए CAQM ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू करने की घोषणा की है। इसे 15 नवंबर से राजधानी समेत पूरे एनसीआर में लागू किया जाएगा।
– AQI 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंचने पर GRAP-1 लागू किया जाता है।
– AQI 301 से 400 तक पहुंचने पर GRAP-2 लागू किया जाता है।
– वायु गुणवत्ता बेहद खराब (AQI 401 से 450) होने पर GRAP-3 लागू किया जाता है।
– AQI 450 से अधिक होने पर GRAP-4 लागू किया जाता है।
– दिल्ली में पंजीकृत डीजल वाहन, BS 3 या उससे नीचे के मानक वाले MGV पर प्रतिबंध है।
– एनसीआर में निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
– खनन गतिविधियों पर रोक है।
– प्रमुख सड़कों पर हर दिन पानी का छिड़काव किया जाता है।
दिल्ली और एनसीआर इन दिनों वायु प्रदूषण की मार झेल रहा है। हवा में बढ़ते प्रदूषण हमारे सांस के जरिए शरीर में पहुंचकर कई तरह की बीमारियों को बढ़ा सकते हैं। वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से सांस संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है और इससे हृदय रोग, फेफड़ों में संक्रमण समेत कई अन्य तरह की समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। प्रदूषण के कारण शुरुआती दौर में आंखों में जलन, लालिमा और खुजली की समस्या सबसे ज्यादा देखी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों से खराब हवा के संपर्क में आने से बचने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को कहा है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रयास जारी रखना महत्वपूर्ण है। कई शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को देखते हुए सरकार ने सभी राज्यों से इस खतरे से निपटने के लिए अपनी तैयारियां बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का आग्रह किया है।
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