नई दिल्ली. Aiims-expert-raised-questions प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जन-सम्बोधन में बच्चो के वैक्सीनेशन का ऐलान किया था. 3 जनवरी 2022 से 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया जाएगा। वहीँ सरकार के इस फैसले पर एम्स के महामारी विज्ञानं डॉक्टर राय ने सवाल खड़े किए है. उन्होंने केंद्र के इस फैसले को व्यर्थ बताया और कहा इससे कोई फायदा नहीं होगा। आपको बता दें रॉय इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के प्रेसीडेंट भी है.
रॉय ने केंन्द्र के इस फैसले पर कहा कि सरकार को वैक्सीनेशन शुरू करने से पहले उन देशो के आकड़े देखने चाहिए, जहां पहले ही वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. उन्होंने ट्वीट में पीएमओ इंडिया को टैग करते हुए लिखा कि-
‘मैं पीएम मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। राष्ट्र के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा और सही समय पर सही निर्णय लेने का कायल हूं। लेकिन, बच्चों के वैक्सीनेशन पर उनके अवैज्ञानिक निर्णय से मैं पूरी तरह निराश हूं।’
सरकार को दिया ये तर्क
इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के प्रेसीडेंट रॉय ने कहा कि किसी भी फैसले का कोई मकसद होना चाहिए। इस फैसले का उद्देश्य या तो कोरोना संक्रमण या मौतों के आकड़े को रोकना है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास जो जानकारी है उसके मुताबिक यह वैक्सीन कोरोना वायरस को खत्म करने में असमर्थ है. कुछ देशो में बूस्टर डोज़ लेने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे है. उन्होंने ब्रिटेन का उदहरण देते हुए बताया कि ब्रिटेन में प्रतिदिन 50,000 इन्फेक्शन के मामले मिल रहे है इससे साबित होता है कि वैक्सीन कोरोना संक्रमण को रोकने में असमर्थ है.
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