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अश्लीलता और ऑनलाइन कंटेंट को लेकर सरकार उठाएगी सख्त कदम, बनाए जाएंगे नए नियम, IT मंत्रालय ने लिखा पत्र

मशहूर यूट्यूबर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया के विवादित बयान से मचे बवाल के बाद अब सरककार एक्शन में आ गई है। सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार भी कानूनी पहलुओं पर विचार करने वाली है।

Ranveer Allahabadia
inkhbar News
  • February 23, 2025 9:22 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: मशहूर यूट्यूबर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया के विवादित बयान से मचे बवाल के बाद अब सरकार एक्शन में आ गई है। सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार भी कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है। इस विवाद के मद्देनजर अब केंद्र सरकार ऐसे प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट में अश्लीलता पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है।

सकरार उठाएगी सख्त कदम

जानकारी के अनुसार ओटीटी प्लेटफॉर्म या यूट्यूब के कंटेंट को लेकर कोई खास नियम कानून नहीं हैं, जिससे कानूनों में संशोधन की मांग बढ़ रही है। बता दें कि रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट में सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया ने जो विवादित बयान दिया था, उसका देश भर में विरोध हुआ और यह सवाल भी खड़े हुए कि क्या सोशल मीडिया पर चलने वाले कंटेंट में कोई लगाम नहीं होनी चाहिए। इस विवाद के बाद अब सरकार एक्शन मोड में आ गई है। अब केंद्र सरकार ऐसे प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट में अश्लीलता पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। दरअसल, संसदीय पैनल को भेजे अपने पत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि समाज में इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील और हिंसक सामग्री दिखाने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का दुरुपयोग किया जा रहा है।

अधिकार का दुरुपयोग हो रहा है

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली अश्लीलता और हिंसा को लेकर सूचना और प्रसारण मंत्रालय सख्त रुख अपनाने वाला है। मामले को लेकर हार्मफुल कंटेंट को विनियमित करने के लिए मौजूदा वैधानिक प्रावधानों और एक नए कानूनी ढांचे की जरूरत की जांच कर रहा है। बता दें कि संसदीय पैनल को दिए अपने जवाब में मंत्रालय ने कहा, ‘समाज में ये चिंता बढ़ रही है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील और हिंसक कंटेंट दिखाने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का दुरुपयोग किया जा रहा है।’ वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संचार और आईटी समिति ने स्टैंडिंग कमेटी को बताया कि मौजूदा कानूनों के तहत कुछ प्रावधान मौजूद हैं, लेकिन ऐसे हार्मफुल कंटेंट को विनियमित करने के लिए एक सख्त और प्रभावी कानूनी बनाने की जरूरत है।

सचिव को लिखा गया था पत्र

इस मामले में पैनल ने पिछले हफ्ते एक बैठक के दौरान विशेष रूप से इलाहाबादिया से जुड़े मुद्दे को उठाया था, जिसमें सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू भी मौजूद थे। बैठक के बाद समिति ने इस मुद्दे पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन को पत्र लिखा। इस पत्र में कहा गया था कि उपरोक्त और डिजिटल तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय से अनुरोध है कि वह इस समिति को ऐसे मामलों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनों की प्रभावशीलता और ऐसे प्लेटफॉर्म को कानूनी जांच के दायरे में लाने के लिए मौजूदा कानूनों/आईटी अधिनियम, 2000 में संशोधन की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त नोट भेजे।

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