अफवाहों पर रोक लगाने के लिए एक उच्चस्तरीय सरकारी पैनल ने फैसला किया है कि अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कंट्री हेड ने इसपर रोक नहीं लगाई गई तो उनपर एक्शन लिया जाएगा.
नई दिल्ली. झूठी खबरों और अफवाहों पर रोक लगाने के लिए एक उच्चस्तरीय सरकारी पैनल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इंडिया हेड पर एक्शन लेने की सिफारिश की है. ऐसे में अगर सरकार इस पैनल की बात को माने तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को संदेश भेजा जा सकता है कि या तो वे ऐसी खबरों पर रोक लगाएं या फिर इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.
दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज फैलने से समाज में कई गलत चीजें हो रही है. व्हाट्एप से झूठी खबर फैलने के चलते से 40 लोगों की मौत के बाद इस मुद्दे पर सचिवों की एक कमेटी द्वारा चर्चा की गई. केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में सरकारी पैनल ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी.
एक अधिकारी ने कहा कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधि भारत में भी हैं. ऐसे में अगर वे अपनी साइच से आपत्तिजनक चीजों और वीडियों का नहीं हटाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
वहीं सरकारी अधिकारियों ने फेसबुक, ट्विटर इंडिया, यूट्यूब और व्हाट्सएप के इंडिया हेड के साथ मीटिंग कर के साफ कर दिया है कि अगर उनके प्लेटफॉर्म से बिना किसी देरी के अफवाह फैलाने वाला कम्यूनिकेशन नहीं रुका तो इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. अधिकारियों की मानें तो मीटिंग के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधियों ने उनका साथ सहयोग करने की बात कही है.
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