नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सभी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों को अगले महीने तक अपनी संपत्ती का ब्योरा देने के लिए कहा है. इसके साथ ही सरकार ने चेतवनी दी है कि ऐसा न करने वाले अधिकारियो को उनके प्रमोशन और विदेशों में नियुक्ति के लिए जरूरी विजिलेंस क्लियरेंस नहीं दिया जाएगा. नौकरशाही में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है. इसको लेकर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने केंद्र सरकार के सभी विभागों, राज्यों के अलावा सभी केंद्रशासित प्रदेशों को खत लिखकर उनसे उनके अधिकारियों द्वारा अगले साल 31 जनवरी तक अचल संपत्ति रिटर्न (IPR) जमा करावाने के लिए कहा है.
वहीं हाल ही में इस्टैब्लिशमेंट ऑफिसर और एडिशनल सेक्रटरी पी. के. त्रिपाठी ने इसको लेकर एक संदेश में कहा, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा 4 अप्रैल , 2011 को जारी किए गए निर्देशों के अनुसार यह दोहराया जाता है कि IPR समय पर जमा नहीं होने की स्थिति में विजिलेंस मंजूरी नहीं दी जाएगी. साल 2011 के निर्देशों के अनुसार अगले साल 1 जनवरी तक जो अधिकारी IPR जमा नहीं करते हैं उन्हें क्लियरेंस नहीं दिया जाएगा और न ही वरिष्ठ स्तर के पदों के लिए प्रमोशन को लेकर उनके नाम पर कोई विचार किया जाएगा.
अचल संपत्ति रिटर्न (IPR) की फाइलिंग के लिए ऑनलाइन एक मॉड्यूल तैयार किया गया है. ऐसे में अधिकारियों के पास इस मॉड्यूल में में IPR की हार्ड कॉपी अपलोड करने के लिए आने वाले 31 जनवरी तक समय है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, देश में इस समय कुल 5,004 IAS अधिकारी कार्यरत हैं.
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