मोदी सरकाऱ ने एयर इंडिया में 76 फीसदी की हिस्सेदारी निजी कंपनियों को देने का फैसला लिया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से एयर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी के लिए इच्छुक निजी कंपनियों को आवेदन भी जारी कर दिए हैं. वहीं खबरों की मानें तो मई के अंत तक बोली लगाने वाले योग्य निवेशकों का चयन कर लिया जाएगा.
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया में केंद्र सरकार 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है. मोदी सरकार ने बुधवार यानि 28 मार्च को एयर इंडिया में विनिवेश को लेकर मेमोरेंडम जारी कर यह जानकारी दी है. केंद्र सरकार ने इसे ‘रणनीतिक विनिवेश’ का नाम दिया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घाटे में चल रही एयर इंडिया और इसकी दो सहायक कंपनियों में शेयर खरीदने के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार इंडिया अब सिर्फ सरकार की नहीं रह जाएगी, क्योंकि सरकार ने इसके 76 प्रतिशत शेयर निजी कंपनियों को बेचने की तैयारी कर ली है. इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से आवेदन भी जारी कर दिए गए हैं. जो भी कंपनी एयर इंडिया के 76 फीसदी शेयर खरीद लेती है उसके हाथ में ही एयर इंडिया एयरलाइंस के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी इसी निजी कंपनी के हाथ में चली जाएगी.
इतना ही नहीं नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने के लिए कुछ मापदंड भी तय किए हैं. इसके अनुसार एयर इंडिया एयरलाइंस को केवल एक भारतीय नागरिक ही खरीद सकता है. इसके अलावा केवल 5 करोड़ पांच हजार करोड़ मूल्य वाली निजी कंपनी ही बोली में हिस्सा ले सकती है. खबरों की मानें तो ‘एयर इंडिया’ ब्रांड को कुछ सालों तक बरकरार रखने का फैसला भी लिया गया है.
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