मंकीपॉक्स वायरस पर सरकार द्वारा कड़क हतियात, जेपी नड्डा ने कि बैठक

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस साल 14 अगस्त को मंकीपॉक्स वायरस को global health emergency (ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी ) घोषित किया था। इस घोषणा के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को एक बैठक बुलाई। इसमें मंकीपॉक्स की स्थिति और तैयारियों की गहन समीक्षा की गई। इस […]

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मंकीपॉक्स वायरस पर सरकार द्वारा कड़क हतियात, जेपी नड्डा ने कि बैठक

Manisha Shukla

  • August 17, 2024 11:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस साल 14 अगस्त को मंकीपॉक्स वायरस को global health emergency (ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी ) घोषित किया था। इस घोषणा के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को एक बैठक बुलाई। इसमें मंकीपॉक्स की स्थिति और तैयारियों की गहन समीक्षा की गई। इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक हुई . इस बैठक में तय हुआ कि इस बीमारी के बढ़ते संक्रमण देखते हुए सरकार एहतियात के तौर पर कड़क फैसले लेगी।फैसले में कहा गया कि सभी एयरपोर्ट, बंदरगाह और ग्राउंड क्रॉसिंग पर स्वास्थ्य इकाइयों को और संवेदनशील बनाया जाएगा। इसी के साथ ही जांच प्रयोगशालाएं तैयार की जाएंगी। इनमें किसी भी मामले का पता लगाने और उसका प्रबंधन करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं तैयार की जाएगी ।

कैसे फैलता है वायरस ?

मंत्री जेपी नड्डा की बैठक में यह भी ध्यान दिया गया कि मंकीपॉक्स वायरस आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह के बीच खुद को सीमित कर लेता है। इसमें मरीज आमतौर पर सहायक के साथ ही ठीक हो जाते हैं.। इसके फैलने के लिए संक्रमित मामले के साथ लंबे समय तक करीबी संपर्क की जरूरत होती है। यह आमतौर पर यौन संबंध, शरीर पर घाव और संक्रमित व्यक्ति द्वारा पहने गए कपड़ों के सीधे संपर्क के माध्यम से होता है।

संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की भी आवश्यकता हो सकती है। लक्षणों के आधार पर मरीज का इलाज किया जाता है। इस बीमारी के लिए कोई टीका या निर्धारित दवा नहीं है। इसलिए, लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए मरीज को वही उपचार दिया जाता है।

दो साल में कितने मिले मामले

WHO ने पहले जुलाई 2022 में मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। हालांकि, बाद में मई 2023 में इसे रद्द कर दिया गया। वैश्विक स्तर पर, 2022 से अब तक WHO ने 116 देशों में मंकीपॉक्स के 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की हैं। WHO द्वारा 2022 की घोषणा के बाद से, भारत में कुल 30 मामले पाए गए हैं, जिसमें आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था। बड़े पैमाने पर सरकारी बैठक जारी वायरस की स्थिति की समीक्षा के लिए 16 अगस्त को एक बैठक भी हुई। इस बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने की। बैठक में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

हालांकि, आने वाले हफ्तों में कुछ मामलों के सामने आने की संभावना है। बैठक में इसे पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया गया है। लेकिन यह जरूर आकलन किया गया कि इस वायरस के बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा हो सकता है।

 

 

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