नई दिल्ली: असम सरकार ने गुरुवार को मुसलमानों के विवाह और तलाक को पंजीकृत करने के कानून को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पेश किया, जिसमें कहा गया कि इसमें समुदाय के नाबालिगों के विवाह की अनुमति देने की गुंजाइश है.
नई दिल्ली: असम सरकार ने गुरुवार को मुसलमानों के विवाह और तलाक को पंजीकृत करने के कानून को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पेश किया, जिसमें कहा गया कि इसमें समुदाय के नाबालिगों के विवाह की अनुमति देने की गुंजाइश है. वहीं राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 और मुस्लिम विवाह पंजीकरण अध्यादेश 2024 को खत्म करने के लिए विधानसभा में मुस्लिम विवाह पंजीकरण विधेयक-2024 पेश किया. इसके तहत मुस्लिम समाज के लोगों को शादी और तलाक का पंजीकरण अब काजी नहीं, सरकार के पास कराना होगा. यही नहीं, बाल विवाह के पंजीकरण को अवैध माना जाएगा.
Q. असम सरकार ने मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स में बदलाव का नया मसौदा तैयार किया है, आप किन बातों से सहमत हैं
निकाह का रजिस्ट्रेशन सरकार करे- 57.00%
तलाक़ का रजिस्ट्रेशन सरकार करे- 12.00%
बाल विवाह का पंजीकरण नहीं हो- 11.00%
काजी वाला पुराना सिस्टम ठीक- 17.00%
कह नहीं सकते- 3.00%
Q. क्या हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार के फ़ैसलों को आप मुस्लिम विरोधी मानते हैं?
मुस्लिम विरोधी फैसले- 15.00%
मुस्लिमों के हित में फ़ैसले- 40.00%
क़ानून सम्मत फ़ैसले- 42.00%
कह नहीं सकते- 3.00%
Q. असम में बढ़ती मुस्लिम आबादी को लेकर आपकी क्या राय है?
डेमोग्राफी बदलने की साज़िश- 25.00%
क़ानून व्यवस्था के लिए चुनौती- 20.00%
कट्टरपंथी ताक़तों का एजेंडा- 13
इनमें से सभी- 30.00%
कह नहीं सकते- 12.00%
Q. असम में महबूब उल हक़ संचालित USTM के ग्रेजुएट्स को सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य घोषित के विचार पर आपकी राय
सही कदम- 39.00%
ग़लत कदम- 16.00%
पुनर्विचार करे असम सरकार- 36.00%
कह नहीं सकते- 9.00%
Q. असम की हिमंता बिस्वा सरकार के लिए आप सबसे बड़ी चुनौती क्या मानते हैं?
रोज़गार और विकास- 29.00%
बाढ़ में डूबे शहर- 7.00%
धार्मिक कट्टरपंथ- 5.00%
बांग्लादेशी घुसपैठ- 24.00%
इनमें से सभी- 34.00%
कह नहीं सकते- 1.00%
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