नई दिल्ली। टीकाकरण पर भारत का विशेषज्ञ पैनल दुनियाभर में संक्रमण की बढ़ती लहर को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 टीकों की दूसरी बूस्टर डोज की खूबियों पर विचार कर रहा है। बता दें , यह फैसले ऐसे समय में आया है जब सरकार पहले बूस्टर शॉट के कवरेज को बढ़ाने पर जोर दे रही […]
नई दिल्ली। टीकाकरण पर भारत का विशेषज्ञ पैनल दुनियाभर में संक्रमण की बढ़ती लहर को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 टीकों की दूसरी बूस्टर डोज की खूबियों पर विचार कर रहा है। बता दें , यह फैसले ऐसे समय में आया है जब सरकार पहले बूस्टर शॉट के कवरेज को बढ़ाने पर जोर दे रही है। जानकारी के मुताबिक , वर्तमान में बूस्टर डोज केवल 28 प्रतिशत लोगों ने लगाई है। रिपोर्ट के मुताबिक , भारत ने जनवरी 2022 में बूस्टर देना शुरू किया था. राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह एक्सपर्ट ने ऐसा जानकारी दी है कि ऐसा विचार किया जा रहा है कि तकनीकी समूह के सदस्यों को बूस्टर डोज का दूसरा शॉट देना शुरू कर दिया जाएगा।
बता दें , अध्ययनों से पता चला है कि वैक्सीन शॉट से प्राप्त इम्युनिटी आमतौर पर चार से छह महीनों में कम हो ही जाती है।लेकिन , विशेषज्ञ अब चौथे बूस्टर के रूप में द्विसंयोजक शॉट्स (जो वायरस के अधिक हाल के वेरिएंट पर कार्य करेगा ) की सिफारिश की जा रही है।
जानकारी के लिए बता दें , कई डॉक्टरों ने चौथी खुराक शुरू करने का अनुरोध भी जताया है और कहा है कि कम से कम जो उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे कि स्वास्थ्य देखभाल करने वाले कर्मचारियों, बुजुर्गों को तिरिक्त खुराक की अनुमति देने की मांग की है। बता दें , स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए तीसरी खुराक करीब एक साल पहले ही ला दी गई थी ।रिपोर्ट के मुताबिक एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल भी इस मीटिंग में मौजूद थे , उन्होंने कहा , “हमने मंत्री से बात कि है कि वे लोगों, विशेष रूप से डॉक्टरों, नर्सों, अस्पताल के और भी कर्मचारियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के लिए चौथी एहतियाती खुराक पर विचार जरूर करें , जिन्हें रोगियों का प्रबंधन करना पड़ता है और जो उच्च जोखिम में भी हैं।
गौरतलब है कि , अभी तक के मौजूदा आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार का ध्यान तीसरी खुराक के कवरेज को बढ़ाने पर ज़्यादा है, जो पात्र आबादी का 27-28% ही है। बता दें , केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने नाम छापने की शर्त पर कहा कि “हालांकि तकनीकी पर चर्चा चल रही है, केंद्र सरकार इस समय अतिरिक्त बूस्टर खुराक पर विचार नहीं कर पा रही है। इस के साथ ही सरकार का ध्यान उन लोगों के लिए डोज़ सुनिश्चित करने पर होना चाहिए जो अभी तक एहतियाती या तीसरी खुराक नहीं ले पा रहे हैं.”
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