National population Register : संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू हो रहा है जिसके लिए एक अहम विधेयक तैयार की जा रही है जिसमें डाटा का प्रयोग मतदाता सूची, आधार डेटाबेस, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस को अपडेट करने के लिए भी किया जाएगा। अगर रिपोर्ट कि माने तो केंद्र सरकार संसद […]
National population Register : संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू हो रहा है जिसके लिए एक अहम विधेयक तैयार की जा रही है जिसमें डाटा का प्रयोग मतदाता सूची, आधार डेटाबेस, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस को अपडेट करने के लिए भी किया जाएगा। अगर रिपोर्ट कि माने तो केंद्र सरकार संसद में जन्म और मृत्यु पर डेटाबेस बनाए रखने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) को अपडेट करने को अनुमति देने के लिए विधेयक ला सकती है। विधेयक का प्रारूप जन्म और मृत्यु पंजीकरण (आरबीडी) अधिनियम, 1969 में संशोधन करेगा। इस प्रारूप को सार्वजनिक टिप्पणियों और सुझावों के लिए पिछले साल अक्टूबर में गृह मंत्रालय ने साझा किया था।
संसद में शीतकालीन सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। यह बैठक छह दिसंबर को होगी, इसमें सभी राजनीतिक दल शामिल होंगे। जिसमें सत्र के संभावित विधायी कामकाज और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। ससंद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा और 29 दिसंबर को समाप्त होगा , इस सत्र में 17 बैठकें होंगी। इसके अलावा ससंद में अहम तारीखों का ब्योरा भी जारी कर दिया गया है और इसके साथ ही लोक सभा और राज्य सभा ने भी अलग – अलग अधिसूचनाएं जारी कर दी है।
धाराओं में लाए गए संशोधन
सरकार ने धारा 8 में भी संशोधन प्रस्तावित किया है जिसमें कि जन्म और मृत्यु के बारे में जानकारी देने के लिए नागरिकों और घर के मुखिया की आवश्यकता से संबंधित ये संशोधन है. प्रस्तावन में यह कहा गया है कि अगर आधार संख्या उपलब्ध हो तो जिम्मेदार लोगों को माता-पिता और जन्म के मामले में मुखबिर और मृतक, माता-पिता, पति या पत्नी और मृत्यु के मामले में प्रतिष्क को देने आवश्यकता होगी. इस से संबंधित प्राधिकरण में सूचना प्राप्त होने के बाद जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक सप्ताह का समय तय करते हुए धारा 12 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।