नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने कोयला वैगनों के लिए प्राथमिकता वाले मार्गों और उनके तेजी से आवागमन को सुनिश्चित करने के लिए 657 ट्रेनों को रद्द करने का ऐलान किया है. इन ट्रेनों में मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं. कुल 533 कोयला रेक इस समय ड्यूटी पर लगाए गए हैं, वहीं, बिजली क्षेत्र […]
नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने कोयला वैगनों के लिए प्राथमिकता वाले मार्गों और उनके तेजी से आवागमन को सुनिश्चित करने के लिए 657 ट्रेनों को रद्द करने का ऐलान किया है. इन ट्रेनों में मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं. कुल 533 कोयला रेक इस समय ड्यूटी पर लगाए गए हैं, वहीं, बिजली क्षेत्र के लिए 437 रेक कल लोड की गई थीं और इस क्षेत्र के लिए 16.20 लाख टन कोयला अब तक लोड किया गया है.
केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 27 अप्रैल को देश के 147 ताप-बिजली संयंत्रों के पास सामान्य से भी 24 फीसदी कम कोयले का स्टॉक ही बचा हुआ. सीईए की रिपोर्ट कहती है कि इन संयंत्रों के पास 57,033 हजार टन कोयले का स्टॉक होना चाहिए जबकि उनके पास सिर्फ 13,912 हजार टन ही कोयला बचा हुआ है, क्योंकि इन संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 163 गीगावॉट है.
गौरतलब है, इस समय देश में भीषण गर्मी पड़ रही है जिसकी वजह से देश के अधिकतर इलाकों में बिजली की मांग काफी बढ़ गई है. बीते दिन तो बिजली की मांग 204.65 गीगावॉट के रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गई थी.
कांग्रेस पार्टी ने देश के कई राज्यों में बिजली की कटौती को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘मौन’ रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग और बढ़ाने और मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए उनकी क्या योजना है. कांग्रेस पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र कोयले की कमी के लिए सारा दोष राज्यों के सर भी डाल रही है.