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हर प्राइवेट प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा नहीं कर सकती सरकार, रिटायरमेंट से पहले CJI ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

नई दिल्ली। क्या सरकार किसी व्यक्ति या समुदाय के प्राइवेट संपत्ति पर कब्ज़ा कर सकती है? इस अहम सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 9 जजों की पीठ ने बहुमत फैसला सुनाया है कि सरकार सभी निजी संपत्तियों पर अधिकार नहीं कर सकती। पलटा पुराना फैसला […]

Supreme Court
inkhbar News
  • November 5, 2024 11:29 am Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

नई दिल्ली। क्या सरकार किसी व्यक्ति या समुदाय के प्राइवेट संपत्ति पर कब्ज़ा कर सकती है? इस अहम सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 9 जजों की पीठ ने बहुमत फैसला सुनाया है कि सरकार सभी निजी संपत्तियों पर अधिकार नहीं कर सकती।

पलटा पुराना फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा कि हर निजी संपत्ति सामुदायिक संपत्ति नहीं है। SC ने 1978 के बाद के उन फैसलों को पलट दिया जिसमें समाजवादी विषय को अपनाया गया। कहा गया था कि आम भलाई के लिए सरकार सभी निजी संपत्तियों पर हक़ जता सकती है। संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के प्रावधानों के तहत अब ये तय किया गया कि निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं माना जा सकता है। जनहित के लिए उनका वितरण भी नहीं हो सकता।

ख़ास विचारधारा का प्रभाव

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम सभी निजी संपत्तियों को सामुदायिक संपत्ति की तरह नहीं देख सकते। इस बारे में लिए गए कुछ पुराने फैसले पर ख़ास विचारधारा का प्रभाव था। बता दें कि 9 जजों की बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सुधांशु धूलिया, जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह , जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह , जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस मनोज मिश्रा शमिल थे।

 

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