नई दिल्ली। मोदी सरकार ने रिपोर्ट्स का खंडन किया है जिसमें की भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने कोविड-19 टीकों के कई दुष्प्रभावों को स्वीकार भी किया था। आरटीआई की जानकारी के जवाब देते हुए, मीडिया रिपोर्ट्स में उन्होंने दावा किया गया था कि सीडीएससीओ और आईसीएमआर ने “कोविड -19 […]
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने रिपोर्ट्स का खंडन किया है जिसमें की भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने कोविड-19 टीकों के कई दुष्प्रभावों को स्वीकार भी किया था। आरटीआई की जानकारी के जवाब देते हुए, मीडिया रिपोर्ट्स में उन्होंने दावा किया गया था कि सीडीएससीओ और आईसीएमआर ने “कोविड -19 के टीकों के कई दुष्प्रभावों को स्वीकार किया था ” कोविड-19 टीकों के दुष्प्रभावों को लेकर सरकार से जवाब भी मांगा गया था। आरटीआई का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि “हम यह स्पष्ट करते हैं कि आपको गलत सूचना दी है और इसमें गलत जानकारी दी गई है। ”
बता दें , स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “आईसीएमआर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन, रोग नियंत्रण केंद्र और स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रतिष्ठित वेबसाइटों के द्वारा कोविड टीकों के लाभ और कमियों की एक सूची भी जारी की थी। मिली जानकारी के मुताबिक, यहां पर दुनियाभर से अलग-अलग कोविड-19 के टीकों के सबूत संकलित किए गए थे ” मंत्रालय ने ये भी बताया कि “इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आरटीआई के जवाब में ICMR ने किसी भी दस्तावेज़ पर कोई भी टिप्पणी नहीं की थी । ”
स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में बताया गया है कि कोरोना वैक्सीन लेने वाले रोगियों की बहुत ही कम संख्या है।एक स्टडी से पता चला है कि कोविड-19 टीकाकरण ने अस्पताल में भर्ती होने और केविड-19 से होने वाली मौतों को रोककर रोग को कम करने में काफी मदद की है।बता दें , भारत में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने हर समय देश में उपयोग किए जाने वाले कोविड टीकों के लाभों और दुष्प्रभावों की समीक्षा की है और उपरोक्त निष्कर्षों का समर्थन भी किया है।
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