नई दिल्ली. साउथ फिल्मों के सुपरस्टार कमल हासन के महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को हिंदू आतंकवादी कहने के बाद उनका यह बयान राजनीतिक तूल पकड़ गया है. कई बीजेपी नेता कमल हासन के इस बयान पर निशाना भी साध चुके हैं. देशभर में हिंदू आतंकवादी शब्द को लेकर चर्चा की जा रही है. सोशल मीडिया पर दो धड़े बंटे हुए हैं जिसमें एक नाथूराम गोडसे को बचाव कर रहा है तो दूसरा कमल हासन के बयान का समर्थन कर रहा है. इसी बीच एक और दिलचस्प बात सामने आई है. दरअसल आरएसएस कार्यकर्ता रहे नाथूराम गोडसे को अगर गूगल पर सर्च करें तो गूगल नॉलेज ग्राफ में गोडसे को एक वकील दिखाया जा रहा है, जबकि गूगल पर ही मौजूद बाकी जानकारी के अनुसार ऐसा नहीं है.
इंटरनेट पर जितनी भी जानकारी नाथूराम गोडसे के नाम पर मौजूद है, उन्हें कहीं भी वकील नहीं बताया गया है. नाथूराम पत्रकार जरूर रहे हैं और 2 अखबारों का भी संचालन कर चुके हैं. लेकिन वे एक वकील है, ऐसा कहीं नहीं बताया गया है.
हालांकि अगर हम Is Nathuram Godse an Advocate डालकर सर्च करें तो जो जानकारी नाथूराम गोडसे की दी गई है उसमें उन्हें राइट विंग एडवोकेट जरूर कहा गया है लेकिन इसका सीधा मतलब वकालत के पेशे से नहीं है. दरअसल, राइट विंग एडवोकेट एक टर्म है जिसे एक रुढीवादी विचारधारा के संगठन से जुड़े मामलों के पक्ष रखने वाले व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
अब ऐसे में सवाल उठता है कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे वकील नहीं है तो गूगल नॉलेज ग्राफ में उन्हें एडवोकेट क्यों दिखा रहा है. हो सकता है यह किसी टेक्निकल गलती की वजह से हुआ हो. हालांकि इस मामले से जुड़ी अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.
क्या था कमल हासन का नाथूराम गोडसे पर बयान
हाल ही में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तमिलनाडु के कुरूर जिले में प्रत्याशी के प्रचार के दौरान कमल हसन ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि आजाद भारत का पहला आतंकी हिंदू था, जिसका नाम नाथूराम गोडसे था. जिसके बाद कमल हासन के इस बयान पर सियासी घमासान मच गया.
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