Google Doodle Dr Govinda Venkataswamy: मशहूर नेत्र सर्जन डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी के जन्मदिन की 100वीं सालगिरह पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें सम्मान दिया है. डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी ने अपने जीवनकाल में करीब एक लाख लोगों की आंखों का सफल ऑप्रेशन किया था. 1973 में उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री दिया गया.
नई दिल्ली. Google Doodle Dr Govinda Venkataswamy: गूगल नेत्रसर्जन डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी के जन्मदिन की 100वीं सालगिरह पर उनका डूडल बनाकर सम्मानित कर रहा है. 1 अक्टूबर 1918 को तमिलनाडु के वडामलप्पुरम में जन्मे डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी अपने सहकर्मियों के बीच ही नहीं बल्कि मरीजों के बीच भी काफी लोकप्रिय थे. डॉ. वेंकटस्वामी को सभी डॉ. वी कहकर बुलाते थे. डॉ. वी ने अपना सारा जीवन जरुरतमंदों की आंखों को रोशन करने में समर्पित कर दिया.डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी ने 13 बेड वाले अरविंद आई हॉस्पीटल की स्थापना की थी. आज के दौर में इस संस्थान के क्लीनिक देशभर में जरूरतमंदों की नजरें लौटाने का काम कर रहे हैं.
स्टेनली मेडिकल कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करने के बाद डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी ने इंडियन आर्मी के मेडिकल कोर में नौकरी की थी. डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी 30 साल की उम्र में रूमेटॉइड आर्थराइटिस के शिकार हो गए. इसके बाद वे सर्जरी करने में असमर्थ हो गए. शारीरिक बीमारियों से जूझने के बावजूद वेंकटस्वामी ने मोतियाबिंद का ऑप्रेशन करना सीखा जो कि अंधेपन का मुख्य कारण था. वेंकटस्वामी अपने काम के प्रति इतने समर्पित थे कि एक दिन में करीब 100 सर्जरी करते थे.
डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी ने ग्रामीण अंचलों में भी नेत्र शिविर लगाए. उन्होंने अँधेपन के शिकार लोगों के लिए रिहैब सेंटर बनाए औऱ ऑफ्थैल्मिक असिस्टेंट्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए. डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी ने आजीवन करीब एक लाख लोगों की आंखों की सफल सर्जरी को अंजाम दिया.
राष्ट्रहित में अद्वितीय योगदान के लिए डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी को साल 1973 में देश दूसरे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया. 7 जुलाई 2006 को 87 साल की उम्र में डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. आज उनके 100वें जन्मदिवस पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया है.
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