नई दिल्ली: अग्निवीरों के पहले बैच में से 2026-27 में रिटायर होने वाले 42% जवानों को सरकारी नौकरियों में लिया जाएगा. यह संख्या सेना में समायोजित होने वाले 25% अग्निवीर (अग्निवीर सरकारी नौकरी) से अलग है. बाकी 75 % जवानों को विभिन्न केंद्रीय और राज्य मंत्रालयों में नौकरी मिलेगी. एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भी भारतीय वायु सेना में 25% से अधिक अग्निवीरों को शामिल करने की इच्छा व्यक्त की है.
अग्निवीरों के पहले बैच का कार्यकाल 2026-27 में पूरा होगा, जिसमें लगभग 1 लाख सैनिक शामिल हैं. इनमें से 25,000 सेना में नियमित होंगे, जबकि 75,000 में से 42% (31,500) को विभिन्न मंत्रालयों में समायोजित किया जाएगा. गृह मंत्रालय का लक्ष्य सेवानिवृत्ति (अग्निवीर सरकारी नौकरी) के चार साल बाद Adjustment दर को 100% तक ले जाना है, और इसकी शुरुआत 42% से होगी.
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा कि 25% से अधिक अग्निवीर को भारतीय वायु सेना में समायोजित किया जा सकता है. उन्होंने इस मुद्दे पर सकारात्मक सोच के साथ टिप्पणी की और कहा कि इस संबंध में अंतिम निर्णय सरकार को लेना है.
गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, अग्निवीर (अग्निवीर सरकारी नौकरी) के रिटायरमेंट के बाद नियमित सेवा (सरकारी नौकरी 2024) में जाने वालों को एकमुश्त राशि दी जाएगी. समायोजन के बाद संबंधित विभाग के नियमानुसार वेतन एवं भत्ते दिये जायेंगे. यह व्यवस्था अग्निशमन कर्मियों के लिए फायदेमंद साबित होगी.
सूत्रों के मुताबिक, हर मंत्रालय में एक डेडिकेटेड यूनिट बनाने का प्रस्ताव है, जो तय करेगी कि किस विभाग (Sarkari Job 2024) और किस यूनिट (Government Job For Agnivir) में एडजस्ट किया जाएगा. यह इकाई अपनी सेवा पूरी कर चुके अग्निशामकों की शैक्षिक और अन्य योग्यताओं का आकलन करेगी, ताकि उचित नियुक्तियां की जा सके. नियमित नौकरियों में चयन के लिए निर्धारित आयु सीमा में छूट का पालन किया जाएगा. केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकारों से भी आग्रह किया जाएगा कि वे अग्निवीरों को अपनी सरकारी नौकरियों में समायोजित करने के लिए अधिकतम तरीके खोजें।
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