नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) जल्द ही अपने करोड़ों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी दे सकता है। संस्था ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पहले ही ब्याज दरें तय कर दी हैं और अब जल्द ही खातों में ब्याज का पैसा आना शुरू हो जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ ने पिछले वित्त वर्ष के […]
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) जल्द ही अपने करोड़ों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी दे सकता है। संस्था ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पहले ही ब्याज दरें तय कर दी हैं और अब जल्द ही खातों में ब्याज का पैसा आना शुरू हो जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ ने पिछले वित्त वर्ष के लिए पीएफ पर 8.10 फीसदी ब्याज तय किया है, जो इसी महीने कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर होना शुरू हो जाएगा। हालांकि इस बारे में ईपीएफओ या सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन कयास पहले ही लगाए जा रहे हैं कि इस बार पीएफ ब्याज का पैसा जल्द ही ट्रांसफर कर दिया जाएगा। पिछले साल की बात करें तो दिवाली के आसपास ब्याज के पैसे आने लगे थे।
ब्याज दरें तय होने के बाद ही कर्मचारियों ने खाते में पैसे आने की उम्मीदें बरकार रखी है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, ईपीएफओ 30 जून तक पैसा ट्रांसफर करना शुरू कर देगा। हालांकि, ब्याज दरें तय करने पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी अभी बाकी है। लेकिन, माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय ईपीएफओ द्वारा की गई 8.10 फीसदी ब्याज दर की सिफारिश को मान लेगा।
चार दशकों में सबसे कम ब्याज दर
EPFO ने पिछले वित्त वर्ष के लिए कर्मचारियों को 8.10 फीसदी ब्याज देने का फैसला किया है, जो चार दशक यानी 40 साल में सबसे कम ब्याज है। इससे पहले 2020-21 में कर्मचारियों को पीएफ पर 8.5 फीसदी ब्याज मिलता था। अब करीब 6 करोड़ कर्मचारियों को संशोधित ब्याज मिलने का इंतजार है। ईपीएफओ 2018-19 में पीएफ पर 8.65 फीसदी ब्याज दे रहा था। एक साल बाद 2019-20 में इसे घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया गया, जो 2020-21 में भी जारी रहा।
जानकारों का कहना है कि इस बार ईपीएफओ जल्द ही खाते में ब्याज डालने की तैयारी कर रहा है, क्योंकि दरें काफी कम हैं। साथ ही जो कर्मचारी अभी अपना पीएफ सेटल कर रहे हैं उन्हें पुरानी ब्याज दर पर ही भुगतान करना होगा, क्योंकि फिलहाल पीएफ खाते पर यही दर लागू है। ऐसे में EPFO को 0.40 फीसदी ज्यादा ब्याज देना पड़ रहा है। एक बार जब नई दरें लागू हो जाती हैं और इस दर पर ब्याज का भुगतान कर दिया जाता है, तो पीएफ को अभी से 8.10 फीसदी पर निपटाना होगा और सरकार का काफी पैसा बचेगा।
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