नई दिल्ली. Agniveer Scheme: केंद्र सरकार ने अग्निवीरों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब पूर्व अग्निवीरों को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में नौकरी के अवसर मिलेंगे, जहां 10 फीसदी पद उनके लिए आरक्षित रहेंगे। इसके अलावा, पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल टेस्ट में भी छूट दी जाएगी। इसी तरह का आरक्षण केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में भी लागू होगा, जिससे अग्निवीरों को रोजगार के और अधिक मौके मिलेंगे।
अग्निवीर योजना का उद्देश्य सेना में युवाओं को प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करना है, ताकि वे देश की सेवा कर सकें। इन अग्निवीरों को कठिन ट्रेनिंग और अनुशासनात्मक शिक्षा दी जाती है, जिससे वे न केवल सैन्य क्षेत्र में बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकें।
केंद्र सरकार के इस फैसले के तहत, केंद्रीय पुलिस बलों जैसे CRPF, BSF, ITBP, और SSB में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी पद आरक्षित किए जाएंगे। इसका मतलब है कि इन बलों में भर्ती के समय पूर्व अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह न केवल उन्हें रोजगार के अच्छे अवसर प्रदान करेगा बल्कि उनकी सेवाओं को भी सम्मानित करेगा।
सरकार ने पूर्व अग्निवीरों के लिए फिजिकल टेस्ट में भी छूट देने का निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान उन्हें कुछ फिजिकल मानकों में रियायत दी जाएगी। यह फैसला उन अग्निवीरों के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्होंने पहले से ही कठोर सैन्य प्रशिक्षण और सेवाओं में अपना योगदान दिया है।
सिर्फ केंद्रीय पुलिस बलों में ही नहीं, बल्कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में भी पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी पद आरक्षित किए जाएंगे। यह उन्हें औद्योगिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी अच्छे रोजगार के अवसर प्रदान करेगा और उनके अनुभव का सही उपयोग करेगा।
1. सुरक्षित भविष्य: इस फैसले से पूर्व अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित होगा और उन्हें स्थिर नौकरी के अवसर मिलेंगे।
2. सम्मान: इस कदम से अग्निवीरों की सेवाओं को सम्मानित किया जाएगा और उन्हें समाज में उच्च स्थान प्राप्त होगा।
3. अनुभव का उपयोग: अग्निवीरों के अनुभव और प्रशिक्षण का सही उपयोग होगा, जिससे केंद्रीय पुलिस बलों की क्षमता और बढ़ेगी।
4. युवाओं को प्रेरणा: यह फैसला युवाओं को अग्निवीर बनने के लिए प्रेरित करेगा और सेना में अधिक भर्ती के लिए प्रोत्साहित करेगा।
केंद्र सरकार का यह फैसला न केवल पूर्व अग्निवीरों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल उनकी सेवाओं को सम्मान मिलेगा बल्कि उनका भविष्य भी सुरक्षित होगा। यह फैसला सरकार की उन नीतियों का हिस्सा है, जो देश के रक्षकों को समर्थन और सम्मान प्रदान करने के लिए बनाई गई हैं।
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