नई दिल्ली। गोधरा ट्रेन कांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 8 दोषियों को आज सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अन्य चार दोषियों को जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दें कि जिन चार दोषियों को आज जमानत नहीं मिली है, उन्हें निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, बाद में गुजरात हाई कोर्ट ने सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।
बता दें कि इससे पहले कल (20 अप्रैल) को अहमदाबाद की एक विशेष कोर्ट ने गुजरात के नरोदा गाम केस में फैसला सुना दिया। स्पेशल कोर्ट ने माया कोडनानी, बाबू बजरंगी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। गौरतलब है कि, 21 साल पहले यानी 2002 में हुए दंगों में 11 लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में भाजपा की पूर्व विधायक और गुजरात सरकार की मंत्री माया कोडनानी, बाबू बजरंगी समेत 86 लोगों को आरोपी बनाया गया था। अब इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
SIT मामलों के विशेष जज एस के बख्शी की अदालत ने गुजरात के नरोदा गांव (गाम) दंगों मामले में ये फैसला सुनाया है। जहां 68 आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है। बता दें इन दंगों में पुलिस ने जांच के आधार पर गुजरात की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी व बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को गिरफ्तार किया था। इनके अलावा 86 लोग आरोपी थे जिसमें से 18 आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी थी।
गौरतलब है कि साल 2002 में गोधरा में चलती ट्रेन में आग लगा दी गई थी, जिस हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई थी. गोधरा कांड के विरोध में अगले दिन अहमदाबाद के नरोदा गाम में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। आईपीसी की धारा 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश, 143 , 147 दंगे, 148, 129 B, 153 के तहत नरोदा गांव नरसंहार के मामले में आरोपियों पर केस दर्ज था।
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