नई दिल्ली : डॉक्टर्स को भगवान का रूप माना जाता है क्योकि वह हमारे प्राणो को बचा लेते है। एक ऐसा ही चौकाने वाला मामला सामने आया है एक डेढ़ साल के बच्चे की तीन घंटे तक धड़कने रुक गई थी, इसके बावजूद मेडिकल टीम ने हार नहीं मानी और उसकी जान बचा ली। बता […]
नई दिल्ली : डॉक्टर्स को भगवान का रूप माना जाता है क्योकि वह हमारे प्राणो को बचा लेते है। एक ऐसा ही चौकाने वाला मामला सामने आया है एक डेढ़ साल के बच्चे की तीन घंटे तक धड़कने रुक गई थी, इसके बावजूद मेडिकल टीम ने हार नहीं मानी और उसकी जान बचा ली।
बता दे, जिस पेट्रोलिया शहर में यह घटना हुई, वह मेडिकल सुविधाओं और संसाधनों के मामले में बेहद पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। खासतौर पर बच्चों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए।
दरसअल कनाडा के ओंटारियो में मासूम बच्चे के प्राण बचने के लिए डॉक्टरों की तरफ से की गई कोशिशों की जबरदस्त प्रशंसा की जा रही है। यह मामला लोगो को बेहद हैरान कर रहा है। बता दे कि, यह घटना 24 जनवरी की है, जब पेट्रोलिया शहर के एक डे-केयर में 20 महीने का एक मासूम बच्चा पानी से भरे पूल में गिर गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेलॉन नाम का यह डेढ़ साल का बच्चा पानी में गिर कर बेहोश हो गया और पांच मिनट तक ठंड में पड़ा रहा। वही बाद में जब डॉक्टर्स की टीम बच्चे को बचाने पहुंची तब उसकी धड़कनें बंद हो चुकी थीं। हालांकि फिर भी डॉक्टरों ने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करके बच्चे की जान बचा ली।
आपको बता दे, पेट्रोलिया शहर मेडिकल सुविधाओं और संसाधनों के मामले में काफी पिछड़ा बताया जा रहा है। जैसे ही शार्लोट एलेनॉर एंगलहार्ट अस्पताल प्रशासन को बच्चे के साथ हुई घटना और उसकी धड़कनें बंद होने की जानकारी मिली, तो सभी ने अपना काम छोड़ दिया और मासूम बच्चे को बचाने के लिए मेडिकल टीम की सहायता में लग गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेडिकल टीम ने मासूम को बचाने के लिए लगातार तीन घंटे तक उसे सीपीआर दिया। इसके चलते डॉक्टर-नर्सों ने बारी-बारी से बच्चे की धड़कनों को वापस लाने का लगातार प्रयास किया और आखिरकार बच्चे की जान को बचा ली ।
दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!
India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार