Global NCAP India Car Crash Test Ratings 2019: ग्लोबल एनसीएपी ने भारत की चार प्रमुख हैचबैक और एमपीवी कारों की सेफ्टी रेटिंग जारी की है. कार क्रैश टेस्ट में ये गाड़ियां पूरी तरह खरी नहीं उतरी हैं. डैटसन रेडी-गो (Datsun Redigo) कार को 5 में से 1 स्टार मिला है. जबकि मारुति सुजुकी वैगनआर (Maruti Suzuki WagonR)और हुंडई सेंट्रो (Hyundai Santro) को 2 स्टार और मारुति सुजुकी अर्टिगा (Maruti Suzuki Ertiga)को 3 स्टार दिए गए हैं. इस टेस्ट में पाया गया कि इन गाड़ियों से दुर्घटना होने पर अंदर बैठे ड्राइवर और पैसेंजर्स को गंभीर चोटें लग सकती हैं.
नई दिल्ली. ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम यानी ग्लोबल एनसीएपी ने भारतीय कारों का क्रैश टेस्ट कर सेफ्टी रेटिंग जारी की है. ग्लोबल एनसीएपी 2019 इंडिया कार क्रैश टेस्ट रेटिंग में मारुति सुजुकी अर्टिगा (Maruti Suzuki ERTIGA) को 5 में से 3 स्टार मिले हैं. वहीं मारुति सुजुकी वैगनआर (Maruti Suzuki WagonR) और हुंडई सैंट्रो (Hyundai Santro) को 5 में से 2 स्टार ही मिले हैं. डैटसन रेडी-गो (Datsun Redigo) कार को सबसे खराब रेटिंग मिली है, यह कार एक्सीटेंट प्रूफ स्टेंडर्ड्स पर खरी नहीं उतरी और इस गाड़ी को सिर्फ 1 स्टार दिया गया है. ग्लोबल एनसीएपी ने इस साल इन चारों गाड़ियों की टेस्टिंग की है. जिसमें पाया गया है कि ये चारों गाड़ियां राइडर्स के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. सड़क दुर्घटना के दौरान ड्राइवर्स के साथ बैठे अन्य यात्रियों को गंभीर चोटें लग सकती हैं और उनकी जान भी जा सकती है.
Maruti Suzuki ERTIGA – 3/5 Star
मारुति सुजुकी अर्टिगा में फ्रंट की दोनों सीट पर बैठे दोनों लोग पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. इस गाड़ी में सेफ्टी के लिए दो एयरबैग लगे हैं, मगर जब इसे 64 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पर टक्कर मारी गई तो आगे की सीट पर बैठे ड्राइवर के पैर, छाती, जांघों पर गहरी चोट लगने की संभावना है, मगर ड्राइवर का मुंह और सिर सुरक्षित पाया गया. दुर्घटना के वक्त पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों को भी इसी प्रकार की गहरी चोट लगने की संभावनाए हैं.
मारुति सुजुकी अर्टिगा में सेफ्टी के लिए फ्रंट सीटबेल्ट प्रीटेंशनर्स और ड्यूल एयरबैग लगे हैं. हालांकि गाड़ी में साइड बॉडी, साइड हेड और ड्राइवर के घूटनों के नीचे एयरबैग नहीं दिए गए हैं.
Maruti Suzuki WagonR – 2/5 Star
मारुति सुजुकी वैगनआर हैचबैक कार को ग्लोबल एनसीएपी ने 5 में से सिर्फ 2 स्टार दिए हैं. इस कार को भी 64 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से टक्कर मारी गई, जिसमें पाया गया कि गाड़ी में ड्राइवर सीट पर एयरबैग होने के बावजूद फ्रंट सीट पर बैठे दोनों लोगों को पैर, जांघों और छाती पर गंभीर चोटें लग सकती हैं. हालांकि इनका मुंह और सिर सुरक्षित रहेगा. वैगनआर में सेफ्टी के लिए सिर्फ ड्राइवर सीट पर एयरबैग लगे हैं. इसके अलावा एसबीआर और एबीएस जैसे सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं.
Hyundai Santro – 2/5 Star
हुंडई की किफायती हैचबैक कार सेंट्रो भी सुरक्षित गाड़ी नहीं है. 64 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यदि टक्कर मारी जाए तो इसमें ड्राइवर और अन्य यात्रियों की जान को खतरा है. क्रैश टेस्ट में पाया गया कि हुंडई सेंट्रो में एक्सीडेंट के दौरान ड्राइवर और फ्रंट सीट पर बैठे यात्री के मुंह को छोड़कर पूरे शरीर पर गंभीर चोटें आ सकती हैं. इस कार में भी सेफ्टी के नाम पर सिर्फ ड्राइवर एयरबैग, एसबीआर और एबीएस दिया गया है.
Datsun Redigo – 1/5 Star
ग्लोबल एनसीएपी के कार क्रैश टेस्ट में डैटसन की हैचबैक कार रेडी-गो को सबसे खराब रेटिंग मिली है. इस कार को 5 में से सिर्फ 1 स्टार दिया गया है. डेटसन रेडीगो में सेफ्टी के नाम पर सिर्फ ड्राइवर एयरबैग और एबीएस दिया गया है. इसके अलावा कोई सेफ्टी फीचर्स नहीं हैं.
64 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यदि इस गाड़ी की टक्कर होती है तो ड्राइवर के पूरे शरीर पर चोट लगेगी. यहां तक कि उसका मुंह भी सुरक्षित नहीं है. ऐसे में क्रैश टेस्ट में यह गाड़ी सेफ्टी मानकों पर खरी नहीं उतरी है. स्पीड में एक्सीडेंट होने पर गाड़ी में बैठे लोगों की जान भी जा सकती है.
ग्लोबल एनसीएपी के प्रेसिडेंट और सीईओ डेविड वार्ड का कहना है कि हाल ही में जिन भारतीय कारों का क्रैश टेस्ट किया गया है, उसके नतीजें निराशाजनक हैं. इस टेस्ट में किसी भी कार को 5-स्टार रेटिंग नहीं मिली है. भारत सरकार के क्रैश टेस्ट मानकों के मुताबिक यदि किसी गाड़ी को इस टेस्ट में जीरो स्टार मिलता है तो उसे तुरंत बाजार में बिक्री से बैन कर देनी चाहिए.
The Indian government crash test standards help to eliminate new zero star cars. We continue to work with them to ensure the push of regulatory requirements is complimented by the pull of consumer awareness, encouraging demand for ever higher levels of safety. #SaferCarsForIndia pic.twitter.com/qm4uupeAbP
— GlobalNCAP (@GlobalNCAP) October 31, 2019
वार्ड ने बताया कि ग्लोबल एनसीएपी लगातार भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है और आगे भी करता रहेगा. ताकि ग्राहकों को गाड़ियों की सेफ्टी के बारे में पूरी जानकारी हो और कार खरीदने से पहले वे तय कर सकें कि कौनसी गाड़ी उनके लिए सुरक्षित है और कौनसी नहीं.
इन गाड़ियों को मिल चुके हैं 4-5 स्टार-
ग्लोबल एनसीएपी ने पिछले कुछ सालों में भारत में बेची जाने वाली कई कारों का क्रैश टेस्ट किया है. जिसमें कुछ गाड़ियां ऐसी भी हैं जो सुरक्षा मानकों पर खरी उतरी हैं और उन्हें 4-5 स्टार मिले हैं. ग्लोबल एनसीएपी ने पूर्व में मारुति सुजुकी Vitara Brezza, टाटा Zest (2 एयरबैग), टोयोटा Etios जैसी कारों को 5 में से 4 स्टार दिए गए थे. वहीं Tata Nexon को 2018 में 5 में से पूरे 5 स्टार दिए गए. वहीं Chevrolet Enjoy, HONDA Mobilio, Hyundai Eon, Suzuki Maruti Eeco जैसी कारों में एयरबैग नहीं होने की वजह से एक भी स्टार नहीं मिला था.
यहां देखें Safer Car of India की पूरी लिस्ट-
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