नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर दिन पर दिन नए सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में हिंदुओं को अपने त्योहारों तक को मनाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस्लामी संगठन इन त्योहारों को मनाने से मना कर रहे हैं और उन्होंने इसके लिए एक फरमान भी जारी […]
नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर दिन पर दिन नए सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में हिंदुओं को अपने त्योहारों तक को मनाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस्लामी संगठन इन त्योहारों को मनाने से मना कर रहे हैं और उन्होंने इसके लिए एक फरमान भी जारी किया है कि अगर उन्हें दुर्गा पूजा मनाना है तो 5 लाख बांग्लादेशी टका देने होंगे।
मोहम्मद युनूस की बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद आए दिन कुछ न कुछ बदलान देखने को मिल रहे हैं। कुछ मुस्लिम संगठनों ने हाल ही में बंग्लादेश में हिंदुओं को खुली चेतावनी दी है। मुस्लिम संगठनों द्वारा हिंदू अल्पसंख्यकों को चेतावनी में दुर्गा पूजा और मूर्ति विसर्जन न करने की मांग पर जोर दिया गया है। कट्टरपंथी इस्लामी समूह इस त्योहार के खुले आयोजन का विरोध कर रहे हैं और वे इसके दौरान देशभर में मिलने वाली छुट्टियों के खिलाफ हैं। कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों का इस मामले में कहना है कि हिंदुओं को दुर्गा पूजा की छुट्टी भी नहीं देनी चाहिए।
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बांग्लादेश में हिंदुओं पर जो अत्याचार हो रहे हैं वह थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस्लामिक समूहों के जरिए दुर्गा पूजा से पहले बांग्लादेश में कुछ मंदिरों को धमकियां मिली है। कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों ने मंदिर समितियों को धमकी दी है कि अगर उन्हें दुर्गा पूजा करनी है तो उनको 5 लाख बांग्लादेशी टका देने होंगे। जो ऐसा नहीं करेगा तो उसे पूजा नहीं करने दी जाएगी। इसके अलावा 22 सितंबर को बांग्लादेश में लक्ष्मीगंज जिले के रायपुर इलाके में दुर्गा प्रतिमाओं को मदरसा के कुछ लोगों ने तोड़ दिया था। बांग्लादेश में बरगुना जिले में भी प्रतिमाएं तोड़ी गई थी। हिंदू समुदाय के कुछ लोगों ने इस मामले पर चटगांव और खुलना में जिले के अधिकारियों को शिकायत भी दर्ज करवाई थी।
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