नई दिल्ली. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बड़ी बहन और मशहूर लेखिका गीता मेहता ने पद्मश्री पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है. मेहता ने आगामी लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए ये प्रतिष्ठित अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया. न्यूयॉर्क से जारी बयान में उन्होंने कहा, ”मैं भारत सरकार की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे पद्मश्री के लायक समझा लेकिन बेहद खेद के साथ मुझे लगता है कि यह अवॉर्ड नहीं लेना चाहिए क्योंकि चुनाव आने वाले हैं और अवॉर्ड के समय को भी गलत तरीके से देखा जा सकता है, जिससे सरकार और मुझे दोनों को शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है.”
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए गीता को देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्मश्री के लिए चुना था. मेहता ने पिछले 40 वर्षों में कई शानदार किताबें लिखी हैं. वे न्यूयॉर्क में रहती हैं. होम मिनिस्ट्री ने उन्हें फॉरेनर कैटिगरी में पुरस्कार से नवाजा है. सूत्रों का कहना है कि उनके पास भारतीय पासपोर्ट है और वे भारत की नागरिक हैं.
शुक्रवार को पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया. लोक गायिका तीजन बाई समेत चार मशहूर हस्तियों को पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाजा जाएगा. 14 हस्तियों को पद्मभूषण और 94 को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. पद्मभूषण के लिए पत्रकार कुलदीप नैयर (मरणोपरांत), अभिनेता मोहन लाल, इसरो के वैज्ञानिक नांबी नारायण और पर्वतारोही बिछेंद्रीपाल समेत 14 मशहूर हस्तियों को यह पुरस्कार दिया जाएगा. वहीं भारतीय जनसंघ के विचारक नानाजी देशमुख, संगीतकार भूपेन हजारिका और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से नवाजा जाएगा. नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत मिलेगा.
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