नई दिल्ली: बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का विवाद कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र से शुरू हुआ था. जहां कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों में कहा था कि वह राज्य में आती है बजरंग दल पर प्रतिबन्ध लगाया जाएगा. चुनावी नतीजे भी सभी के सामने है जहां कांग्रेस को भारी मतों से जीत मिली […]
नई दिल्ली: बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का विवाद कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र से शुरू हुआ था. जहां कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों में कहा था कि वह राज्य में आती है बजरंग दल पर प्रतिबन्ध लगाया जाएगा. चुनावी नतीजे भी सभी के सामने है जहां कांग्रेस को भारी मतों से जीत मिली है. ऐसे में ये मुद्दा इस समय गरमाया हुआ है. बीते दिन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी ने इसपर जमकर बयानबाजी भी की. मदनी के विवादित बयानों पर अब केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है.
मौलाना अरशद मदनी के बजरंग दल को बैन करने वाले बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वजों से 70 साल पहले भूल नहीं हुई होती तो यहां मुस्लमानों की संख्या अधिक नहीं हुई होती. आवेश में उन्होंने यहां तक कह दिया कि ओवैसी पैदा होता न मदनी पैदा होता और ना भारत को गजवा ए हिन्द की बात सुननी पड़ती. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी एकता के प्रयास पर तंज कस्ते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह व्याकुलता के साथ भारत घूम रहे हैं. ये तो खुद प्राइम मिनिस्टर के दावेदार हैं. या तो नीतीश कुमार बिहार को संभालें या फिर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दें. आगे उन्होंने सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि एक कहावत है अपन ब्याह नहीं, सूरदास के बरतूहारी करने चले हैं।
गौरतलब है कि मदनी ने बीते दिनों कहा था कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में फिरका-परस्त बजरंग दल को बंद करने की बात कही थी. अगर कांग्रेस ने ये फैसला 70 साल पहले लिया होता तो मुल्क बर्बाद ना होता. इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि लोग शोर मचा रहे थे कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इस बात को दाखिल कर गलती कर दी. लेकिन ये गलती का तदारुक किया जा रहा है.
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