Giriraj Singh For Bihar CM Twitter Handle: बिहार में विधानसभा चुनाव को अभी कम से कम एक साल बाकी है लेकिन सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के कैंडिडेट के लिए सीएम की रेस तीखी होने लगी है. बिहार में बीजेपी के सबसे पुराने कद्दावर नेता और राज्य के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने 11 सितंबर को ट्वीट करके कहा कि सीएम नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के कप्तान हैं और राज्य में 2020 के विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री कैंडिडेट होंगे क्योंकि वो शानदार काम कर रहे हैं. इससे पहले 1 सितंबर को बीजेपी के अंदर सुशील मोदी के विरोधी माने जाने वाले बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के समर्थन में ट्वीटर पर गिरिराज सिंह फॉर सीएम ऑफ बिहार नाम से एक ट्वीटर हैंडल बन गया था. इस हैंडल को बिहार राज्य बीजेपी के नए अध्यक्ष सांसद संजय जायसवाल ने प्रदेश अध्यक्ष बनने की बधाई पर जवाब दिया है और लिखा है थैंक्स. गिरिराज सिंह को सीएम कैंडिडेट बनाने की मुहिम चला रहे एक सोशल मीडिया एकाउंट को प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का जवाब देना कोई मतलब रखता है या ये उन सैकड़ों शुक्रिया संदेश में एक है जो जायसवाल ने बिना ये देखे लिख दिया कि लिखने वाला कौन है और उसका नाम क्या है, ये तो जायसवाल को ही बेहतर पता होगा.
पटना. लोकतंत्र की जननी बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद की रेस में विपक्षी महागठबंधन के साथ-साथ सत्तारूढ़ एनडीए में भी सीएम कैंडिडेट तैयार हो रहे हैं. बिहार में नीतीश कुमार एनडीए, फिर महागठबंधन और अब फिर एनडीए की सरकार के मुख्यमंत्री हैं लेकिन उनके गठबंधन की सीनियर पार्टी बीजेपी के बिहार में सवर्ण चेहरा, बेगूसराय सांसद व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का नाम सीएम पद के लिए उछाला जाने लगा है. सोशल मीडिया ट्वीटर पर 1 सितंबर को एक एकाउंट खोला गया है जिसका नाम है गिरिराज सिंह फॉर सीएम ऑफ बिहार और उसका हैंडल है @OfficeOfGiriraj. केंद्र सरकार के कई मंत्रियों के दो ट्वीटर हैंडल हैं जिसमें एक पर्सनल है और दूसरा ऑफिस का जिसका हैंडल इसी तरह का होता है. मजेदार बात ये हुई है कि बिहार भाजपा के नए अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रदेश अध्यक्ष बनने पर गिरिराज सिंह फॉर सीएम ऑफ बिहार ट्वीटर हैंडल से मिली बधाई का थैंक्स लिखकर जवाब भी दिया है. अब इसका क्या माने-मतलब निकाला जाए, ये राजनीति की किसी किताब में नहीं लिखा है.
वैसे गिरिराज सिंह ने मंगलवार को सीएम कैंडिडेट को लेकर पत्रकारों के सीधे सवाल पर 2024 में राजनीति से संन्यास लेने का संकेत देते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सरकार के कार्यकाल पूरा करने के साथ ही उनकी राजनीतिक पारी पूरी हो जाएगी. अगले दिन फिर वो पलट गए कि वो राजनीति से हटने से पहले बहुत को संन्यास दिला देंगे. उधर आरजेडी, कांग्रेस, हम, वीआईपी और एनसीपी के महागठबंधन में जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी कह रहे हैं कि तेजस्वी यादव आरजेडी के सीएम कैंडिडेट हो सकते हैं, महागठबंधन के नहीं क्योंकि इसमें पांच पार्टी हैं और उनका नेता नहीं चुना गया है.
Thanks
— Dr. Sanjay Jaiswal (Modi Ka Parivar) (@sanjayjaiswalMP) September 16, 2019
बिहार में बीजेपी के सबसे बड़े नेता और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने 11 सितंबर को एक ट्वीट किया- नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के कप्तान हैं और 2020 के आगामी विधानसभा चुनाव में भी वही कप्तान रहेंगे. जब कप्तान चौके और छक्के मारकर विपक्षी टीम को पारी से हरा रहा हो तो किसी बदलाव का सवाल कहां से उठता है. सुशील मोदी के इस बयान से बीजेपी के अंदर हमेशा की तरह हलचल शुरू हो गई क्योंकि बीजेपी में काफी नेता हैं जो ये मानते हैं कि उनकी पार्टी में नीतीश के सबसे बड़े पैरोकार सुशील मोदी हैं. ऐसे ही माहौल में गिरिराज सिंह फॉर सीएम ऑफ बिहार ट्वीटर हैंडल का बनना और उसे हैंडल से गिरिराज सिंह के सारे ट्वीट रीट्वीट होना, उनको सीएम बनाने की बात करने वाले ट्वीट रीट्वीट होना, यही बताता है कि ये एक फैन क्लब भर का काम नहीं है बल्कि इसके पीछे भविष्य की संभावना देख रही राजनीति है.
बिहार बीजेपी में कुछ नेता हैं जो चाहते हैं कि 2020 में एनडीए का चेहरा बदला जाए मतलब नीतीश कुमार के बदले किसी और को सीएम प्रोजेक्ट किया जाए. ऐसे नेताओं का दबाव पार्टी में बढ़ेगा तो उसका असर नीतीश पर भी दिखेगा, उनके बयानों में दिखेगा. ऐसा कुछ शुरू हुआ तो राजनीतिक बयानबाजी का जो चेन रिएक्शन शुरू होगा उसमें बीजेपी अकेले लड़ने तक का मन बना सकती है. ऐसा वो 2014 में महाराष्ट्र में कर चुकी है जब शिवसेना अलग लड़ी और चुनाव के बाद गठबंधन दोबारा बना लेकिन सीएम बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस बने. इससे पहले जब महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनती थी तो सीएम शिवसेना का होता था. हरियाणा में भी 2014 में बीजेपी ने पहली बार अकेले लड़ने का फैसला किया और वो उसके पक्ष में गया जब स्पष्ट बहुमत से मनोहरलाल खट्टर राज्य में पहली बीजेपी सरकार के सीएम बने.
भाजपा को बिहार में नीतीश को समर्थन देने से बेहतर है कि गिरिराज सिंह जी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाकर सभी सीटों पर चुनाव लड़ें।@narendramodi @AmitShah @girirajsinghbjp @BJP4Bihar @BJP4India
— Sanjeev Kumar (@sanjeev_kumar_r) September 27, 2019
बिहार सरकार ने बेली रोड का नाम बदलकर नेहरू रोड कर दिया,
लेकिन आप जैसे ही इनसे बख्तियारपुर का नाम बदलने की बात करेंगे इस सरकार और इसके मुखिया को लकवा मार जाता है। इन्हें लगता है कि इससे बिहार का मुसलमान नाराज हो जाएगा, लानत है ऐसी राजनीति को @NitishKumar जी! @girirajsinghbjp— Sanjeev Kumar (@sanjeev_kumar_r) September 27, 2019
मैं @NitishKumar से पूछना चाहता हूं कि ईद या मोहरम सुरक्षा कारणों से कभी नहीं रुका तो फिर रामलीला क्यों @girirajsinghbjp
— Sanjeev Kumar (@sanjeev_kumar_r) September 26, 2019
कई लोगों को सन्यास दिलाकर ही हम सन्यास लेंगे। pic.twitter.com/7ElRna0GWv
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 26, 2019
भविष्य में बिहार में ऐसी कोई सूरत बनने पर बीजेपी में सीएम कैंडिडेट की रेस शुरू हो सकती है और तब अचानक सीएम की रेस में कूदना लेटलतीफी भी साबित हो सकता है. ऐसा हुआ तो नीतीश कुमार के चहेते और पार्टी में सीएम पद के स्वाभाविक दावेदार सुशील कुमार मोदी भी बीजेपी के अंदर अपने विरोधियों के निशाने पर होंगे और विकल्प में नित्यानंद राय से लेकर गिरिराज सिंह तक के नाम उछल सकते हैं. गिरिराज सिंह की ही तरह नित्यानंद राय भी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं और इस समय उनके गृह मंत्रालय में गृह राज्यमंत्री भी हैं. संजय जायसवाल को नित्यानंद राय की ही जगह पर प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. इसलिए खुद को सीएम मैटेरियल मानने वाले बीजेपी नेता सीधे या घुमाकर अपने नाम उछाल रहे हैं ताकि मौका आए तो वो पीछे ना छूट जाएं.
@NitishKumar is the Captain of NDA in Bihar & will remain its Captain in next assembly elections in 2020 also.When Captain is hitting 4 & 6 & defeating rivals by inning where is the Q of any change.
— Sushil Kumar Modi (मोदी का परिवार ) (@SushilModi) September 11, 2019
गिरिराज सिंह और नीतीश कुमार की खटपट कभी छुपी नहीं. तब भी जब वो बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में ही मंत्री हुआ करते थे. वो लगातार खुलकर या घुमाकर नीतीश कुमार पर अलग-अलग वजहों और मसलों पर निशाना साधते ही रहते थे. नीतीश कुमार भी अपने स्टाइल में गिरिराज सिंह पर तंज कसा करते थे कि बस चर्चा में रहने के लिए कोई कुछ करता है तो वो क्या कर सकते हैं. इस साल भी नीतीश कुमार और सुशील मोदी की एक इफ्तार पार्टी की फोटो ट्वीट करके उन्होंने दोनों पर एक साथ तंज कसा था कि नवरात्र में भी फलाहार के लिए इस तरह के आयोजन होते तो कितना अच्छा होता. इस पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गिरिराज सिंह को हड़काया था और चेताया था कि इस तरह की बयानबाजी ना करें. फोटो में सिर्फ नीतीश कुमार और सुशील मोदी ही नहीं थे बल्कि उनके साथ रामविलास पासवान और जीतनराम मांझी भी थे इसलिए बीजेपी नेतृत्व ने बिना देरी के एक्शन लिया. बिहार में एनडीए के तीनों बड़े चेहरे पर पार्टी का केंद्रीय मंत्री ऐसी बात सार्वजनिक रूप से करे ये पार्टी अध्यक्ष को गले नहीं उतरी.
कितनी खूबसूरत तस्वीर होती जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पे फलाहार का आयोजन करते और सुंदर सुदंर फ़ोटो आते??…अपने कर्म धर्म मे हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावा में आगे रहते है??? pic.twitter.com/dy7s1UgBgy
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) June 4, 2019
लेकिन गिरिराज सिंह की राजनीतिक खासियत इसी तरह के बयान और विवाद रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के विरोधियों को पाकिस्तान चले जाने के लिए कहना से लेकर हिन्दुओं से ज्यादा बच्चे पैदा करने को कहना और फिर 2 से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों का वोटिंग अधिकार छीन लेने की बात करना, गिरिराज कुछ ऐसा कहते-बोलते रहे हैं जो एक कट्टर हिंदू नेता के तौर पर उनको मजबूत बनाए और सेकुलर राजनीति करने वाले नीतीश समेत एनडीए के दूसरे नेताओं को असहज करे. ये एक कैलकुलेटेड राजनीति है जो पार्टी के प्लान बी या सी का हिस्सा भी हो सकता है और नहीं भी.
बिहार में 2015 में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव हुए थे और नतीजे 8 नवंबर को आए थे जिसमें आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस के महागठबंधन ने बहुमत हासिल किया था और बीजेपी, एलजेपी के एनडीए को विपक्ष में बैठना पड़ा था. जुलाई, 2017 में आरजेडी सुप्रीम लालू यादव के बेटे व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर नीतीश कुमार ने महागठबंधन को छोड़कर वापस एनडीए का दामन थामा और फ्रेश शपथ के साथ सीएम बने रहे. डिप्टी सीएम पद पर सुशील कुमार मोदी की वापसी हुई जो नीतीश कुमार की जेडीयू-बीजेपी गठबंधन सरकार में पहले भी डिप्टी सीएम और नंबर 2 रह चुके थे.