‘गृह मंत्री ने मुझे भरोसा दिया…’, शाह से मुलाकात पर बोले गुलाम नबी आजाद

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार (2 फरवरी) को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने इस मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री के सामने जम्मू-कश्मीर में चल रही एंटी-एंक्रोचमेंट ड्राइव का मुद्दा उठाया है. गृह मंत्री से अपनी मुलाकात के बाद […]

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‘गृह मंत्री ने मुझे भरोसा दिया…’, शाह से मुलाकात पर बोले गुलाम नबी आजाद

Riya Kumari

  • February 2, 2023 4:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार (2 फरवरी) को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने इस मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री के सामने जम्मू-कश्मीर में चल रही एंटी-एंक्रोचमेंट ड्राइव का मुद्दा उठाया है. गृह मंत्री से अपनी मुलाकात के बाद पूर्व सीएम ने बताया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में भूमि बेदखली के मुद्दों के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.

इस वजह से हुई मुलाकात

अपने इस ट्वीट में आज़ाद ने आगे बताया कि उन्होंने आम लोगों के बीच फैली अशांति और अनिश्चितता के बारे में गृह मंत्री अमित शाह को अवगत करवाया. उन्होंने शाह को बताया कि कैसे जम्मू कश्मीर में उन संपत्तियों को खाली करने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिन्हें मान्यता प्राप्त है. अपने इस ट्वीट में वह आगे बताते हैं कि ‘मुझे अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि मकान बनाने वाले छोटे भूमि धारकों को छुआ भी नहीं जाएगा.’

शाह से आजाद ने क्या कहा?

आजाद के ट्वीट के अनुसार उन्होंने अमित शाह को बताया कि छोटी-छोटी जमीनों पर घरों का निर्माण करने वाले अधिकांश लोग प्रवासी हैं. इनमें से अधिकांश लोग उग्रवाद के शिकार हैं. विभिन्न जिलों में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान लगभग 23,000 हेक्टेयर ‘कचराई’ भूमि और राज्य को वापस ले लिया गया है.

इतनी जमीन ली वापस

आज़ाद ने शाह को आगे बताया कि इस दौरान राजौरी में अतिक्रमणकारियों से 13,793 हेक्टेयर भूमि का बड़ा हिस्सा वापस लिया गया. इतना ही नहीं पुंछ में 6,100 हेक्टेयर, किश्तवाड़ में 2,300 से अधिक, उधमपुर में 15.9 हेक्टेयर और कठुआ और सांबा जिलों में भी कुछ जमीनें वापिस ली गई हैं.

घाटी में जोरदार विरोध

गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में नया भूमि अनुदान नियम-2022 लागू किया गया है. इसके नियम के अनुसार आवासीय पट्टेदारों को छोड़कर सभी मौजूदा पट्टेदारों को वो जमीन वापस सरकार को फिर सौंपनी होगी. इसमें वो जमीन शामिल हैं जो पट्टे पर ली गई थी. यदि कोई ऐसा नहीं करता तो उसे बेदखल किया जाएगा. सरकार के इसी फैसले को लेकर इस समय घाटी में जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.

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