Ghazipur Constable Mob Lynching Murder: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में शनिवार को पीएम मोदी की रैली थी. इस रैली से लौट रहे पुलिस पार्टी पर आरक्षण की मांग कर रहे एक जाति के लोगों ने हमला कर दिया. जिसमें एक सिपाही की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए.
गाजीपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाजीपुर रैली से ड्यूटी कर लौट रहे करीमुद्दीनपुर थाना के सिपाही सुरेश वत्स की उग्र भीड़ ने मॉब लिंचिंग में पत्थर से पीट-पीटकर हत्या कर दी. खबरों के मुताबिक निषाद जाति के लोग आरक्षण की मांग को लेकर सड़क पर आंदोलन कर रहे थे. जब पीएम की रैली से लौट रही पुलिस पार्टी गाजीपुर के कडवा मोड़ चौकी पहुंची तो भीड़ ने हमला कर दिया. भीड़ ने पत्थर से पीटकर कॉन्सटेबल सुरेश वत्स को मार डाला जबकि दो और सिपाही घायल हुए हैं.
घटना की जानकारी देते हुए करीमुद्दीन थाने के एसएचओ सुधाकर राय फफक-फफक कर रो पड़े. सुधाकर ने बताया कि हम पर बुरी तरह से हमला किया गया. मामले की जानकारी मिलने ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कारवाई के आदेश दिया है. साथ ही मृतक सुरेश वत्स के परिजनों को 40 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान कर दिया गया है.
गाजीपुर के एसपी यशवीर सिंह ने मामले पर पुलिस कारवाई की जानकारी देते हुए कहा कि आरोपियों की पहचान कर दबिश की जाती है. एसपी ने बताया कि राष्ट्रीय एकता निषाद समाज के लोग थे. हत्या के मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आगे की जांच-पड़ताल जारी है.
वहीं दूसरी ओर इस मामले पर यूपी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि निषाद समाज के लोगों ने कानून हाथों में मिला है. प्रदेश में बीजेपी की सरकार है तो सवाल सरकार से पूछना चाहिए. बता दें कि इसी महीने की पहली सप्ताह में बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या का कर दी गई थी. सुबोध सिंह का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि यूपी में एक और पुलिस वाले की हत्या ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलने का विरोधियों को मौका दे दिया है.