नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली से कुछ ही दूरी पर गाजियाबाद मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे बसी सघन बस्ती बहरामपुर। 22 दिसंबर की सुबह किसी भी दूसरे दिन की तरह हाथ में लंच बॉक्स लिए कामगार और स्कूलों की ओर तेजी से बढ़ते स्कूली बच्चे। तभी यहां कुछ गमहागहमी तेज हो गई। लोग एक खास दिशा में जाने लगे। नाक पर रुमाल, हैरानी भरी निगाहें और खुले हुए मुंह के साथ लोग एक प्लॉट के आसपास जमा होने लगे। यहां एक अर्धनग्न लाश थी जिसका चेहरा पॉलिथिन से ढ़का गया था। शरीर पर चाकू से हमले के कई निशान थे।
कुछ ही देर में पुलिस भी पहुंची और जांच का आगाज हुआ। पांच दिन की जांच के बाद ‘लव- सेक्स और मर्डर’ की जो कहानी सामने आई उस पर शायद आपको यकीन नहीं होगा। ना तो आपने किसी फिल्म या क्राइम सीरीज में ऐसा देखा होगा न सुना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि किसी शादीशुदा पुरुष या महिला के अवैध संबंधों की कहानी तो सना है लेकिन बहरामपुर की इस बस्ती में जो हो रहा था वह बेहद चौंकाने वाला था।
25 साल की प्रियंका यहां उम्र में 2 साल छोटे प्रेमी प्रेमी गर्जन यादव को साथ रखती थी, जबकि घर उसके उसके पति शिवम उर्फ सोनू गुप्ता का है। पति के सामने ही वह प्रेमी के साथ मौज-मस्ती करती थी।
जालौन का रहने वाला शिवम एक बाइक टैक्सी चलाता था। एक बेटी का बाप शिवम पत्नी की बेवफाई से काफी समय से दुखी था। घर एकजुट रखने के लिए कभी उसने यह तो स्वीकार कर लिया था कि गर्जन भी यहां रह सकता है, लेकिन अब वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था।
वह पत्नी और उसके प्रेमी के संबंध में आड़े आ रहा था। रोक-टोक रहा था। पति को छोड़कर गई, प्रेमी को साथ रखने की शर्त पर लौटी प्रियंका ने पूछताछ में कबूल किया कि बलिया के गांव सईंया निवासी गर्जन यादव से उसके अवैध संबंध थे। अपनी बेटी को लेकर इसी साल मार्च में वह प्रेमी के घर बलिया चली गई थी। शिवम उसे तलाशता हुआ गर्जन के घर पहुंचा। बड़ी मुश्किल से प्रियंका वापस आने को तैयार तो हुई लेकिन इस शर्त पर कि प्रेमी गर्जन भी साथ रहेगा।
बच्चे की खातिर शिवम इस बात के लिए भी राजी हो गया। इसके बाद तीनों लोग नोएडा में रहने लगे। करीब छह महीने पहले शिवम बहरामपुर में किराए के मकान में रहने लगा। वहीं सबूत मिटाने की कोशिश पर खून के धब्बों ने खोला राज।
एसीपी सलोनी अग्रवाल ने बताया कि हत्या के बाद प्रियंका और उसका प्रेमी गर्जन यादव शिवम के शव को लपेटकर बहरामपुर में ही खंडरनुमा मकान में फेंक दिया था। लेकिन, वह सीढ़ियों पर लगे खून के धब्बे मिटा नहीं सके, जिसके चलते पुलिस को घटना में अहम सबूत मिला और फिर दोनों को अरेस्ट कर लिया गया।
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