नई दिल्लीः इटली के प्रधानमंत्री ने चीन की शी जिनपिंग सरकार को बहुत बड़ा झटका दे दिया है। बता दें कि इटली ने चीन के महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक बेल्ट एंड रोड इनिशिटिव से बाहर निकलने की जानकारी दी है। प्रधानमंत्री जॉर्जियों मेलोनि की अधिकारी ने चीनी सरकार को सूचित कर दिया है कि […]
नई दिल्लीः इटली के प्रधानमंत्री ने चीन की शी जिनपिंग सरकार को बहुत बड़ा झटका दे दिया है। बता दें कि इटली ने चीन के महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक बेल्ट एंड रोड इनिशिटिव से बाहर निकलने की जानकारी दी है। प्रधानमंत्री जॉर्जियों मेलोनि की अधिकारी ने चीनी सरकार को सूचित कर दिया है कि इटली बीआरआई से बाहर हो गया है। इटली 2019 में चीन की सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं मे से एक बीआरआई पर हस्ताक्षर करने वाला एकमात्र प्रमुख पश्चिमी देश था। अमेरीका ने इटली के इस कदम का कड़ा विरोध किया था।
बता दें कि 2013 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से शुरु किए गए है। बीराआई का उद्देश्य एशिया और यूरोप से अनुमानित 1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश किया था। इस महत्वकांक्षी योजना के तहत नई और उन्नत रेलवे लाइनों और बंदरगाहों का निर्माण कर चीन को यूरोप और एशिया के अन्य हिस्सों से जोड़ना है। अमेरिका शुरु से ही इस परियोजना का विरोध करते आया है। अमेरिका का मानना है कि चीन कर्ज के जाल में फंसाने वाली कुटनीतिक चाल चल रहा है।
जॉर्जिया मेलोनी का यह कदम यूरोपिय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और शी के बीच गुरुवार यानी 7 दिसंबर को होने वाली शिखर वार्ता से पहले आया है। बैठक के दौरान श्रीमती वॉन डेर लेयेन की ओर से यूरोपीय संघ को सैर पैनलों और इलेक्ट्रिक कारों सहित सस्ते सामानों की आपूर्ती पर रोक लगाने के लिए चीनी राष्ट्रपति को चेतावनी देने की उम्मीद है। चीन यूरोजोन की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय संघ के सदस्यों फ्रांस और जर्मनी के साथ कहीं ज्यादा व्यापार करता है। हालांकि ये देश बीआरआई के सदस्य नहीं है।