नई दिल्ली : रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र को योगदान की सराहना करते हुए सीडीएस ( चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत में सैन्य उपकरण बनाने में महाशक्ति के रूप में उभरने की क्षमता है और उसने बड़े और जटिल प्लेटफार्मों को विकसित करने के लिए साधन प्रदर्शित किए […]
नई दिल्ली : रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र को योगदान की सराहना करते हुए सीडीएस ( चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत में सैन्य उपकरण बनाने में महाशक्ति के रूप में उभरने की क्षमता है और उसने बड़े और जटिल प्लेटफार्मों को विकसित करने के लिए साधन प्रदर्शित किए है. कर्नाटक के तुमाकुरू जनपद में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की नई हेलीकॉप्टर फैक्ट्री जो कि भारत की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर निर्माण ईकाई है. पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया है. जनरल अनिल चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर बनना देश का सपना था. पुणे शहर के चाकन में एनआईबीई डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमेटेड द्वारा आयोजित माइक्रो, स्मॉल एडं मीडियम एंटरप्राइजेज डिफेंस एक्सपो 2023 के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे.
सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि जो लोग वर्दी नहीं पहनते है और सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिनियम के तहत नहीं आते है. लेकिन उनमें राष्ट्र के लिए कुछ करने की इच्छा होती है और वे हमेशा उस इच्छा से प्रेरित होते है. मुझे लगता है कि देश और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए बहुमत की बड़ी भूमिका होती है. हमें इस योगदान को पहचानना चाहिए. इसलिए मैं यहां इस बुहमत को मान्यता देने आया हूं और कहता हूं कि आप सभी लोग हमारे साथ है. देश को शक्तिशाली बनानेकी प्रकिया में आपलोगों के समर्थन की जरूरत है.
जनरल चौहान ने कहा कि आजादी के बाद रक्षा में आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनना देश का सपना था. आयुध कारखानों और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र में उपक्रमों ने उस लक्ष्य को साकार करने में प्रमुख भूमिका निभाई है. कुछ समय पहले तक रक्षा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया था और मेक-इन-इंडिया पर जोर दिया गया था. जिसका उद्देश्य देश को विनिर्माण पावरहाउस बनाना था. जनरल अनिल चौहान ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि सरकार के ये 2 प्रयास देश के युवाओं और उद्यमियों की शक्ति को उजागर करेंगे. NIEBE डिफेंस इस उद्यमिता का एक बेहतरीन उदाहरण है. जनरल चौहान ने कहा कि निजी क्षेत्र के योगदान को देखते हुए यह देखा जा सकता है कि भारत रक्षा निर्माण में महाशक्ति के रूप में उभर सकता है.
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