योगी आदित्यनाथ की राह पर गहलोत का राजस्थान की सियासत में बड़ा दांव, भाजपा को हो सकती है मुसीबत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की सियासत में बड़ा दांव खेलकर भाजपा को चौंकाने वाला काम किया है। राजस्थान विधानसभा चुनावों के एक वर्ष पूर्व ही गहलोत ने गरीब जनता के लिए बड़ा ऐलान करते हुए, राजस्थान की सियासत में एक बड़े तबके को अपनी ओर करने के लिए महत्वपूर्ण दांव खेल […]

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योगी आदित्यनाथ की राह पर गहलोत का राजस्थान की सियासत में बड़ा दांव, भाजपा को हो सकती है मुसीबत

Farhan Uddin Siddiqui

  • December 21, 2022 12:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की सियासत में बड़ा दांव खेलकर भाजपा को चौंकाने वाला काम किया है। राजस्थान विधानसभा चुनावों के एक वर्ष पूर्व ही गहलोत ने गरीब जनता के लिए बड़ा ऐलान करते हुए, राजस्थान की सियासत में एक बड़े तबके को अपनी ओर करने के लिए महत्वपूर्ण दांव खेल दिया है।
हम आपको बता दें कि यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने वर्ष में दो मुफ्त सिलेंडर देने का वादा किया था, उन्ही की राह पर चलते हुए गहलोत ने सिलेंडर के दामों को ही आधा कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव के चलते जहां भाजपा की नजरें प्रदेश की सत्ता में हैं वहीं प्रदेश में कांग्रेस की आंतरिक कलह उन्हे लगातार राज्य के भीतर कमजोर कर रही है। इन्ही सब मुद्दों को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान में उज्जवला योजना के लाभार्थियों एवं अन्य बीपीएल कार्ड होल्डर्स को 500 रुपए मे घरेलू गैस सिलेंडर देने का बड़ा ऐलान कर दिया है।
गहलोन ने कहा है कि, 2023 से गैस सिलेंडर लाभार्थियों क 500 रुपए में दिया जाएगा। ताकि गरीबों को महंगाई से राहत मिल सके।

योगी आदित्यनाथ ने भी किया था ये वादा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2022 में प्रदेश वासियों से वादा किया था कि उज्जवला योजना के लाभार्थियों को होली और दिवाली पर एक-एक यानि की वर्ष में दो गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए जाएंगे।
योगी आदित्यनाथ की इसी योजना को और आसान करते हुए गहलोत ने घरेलु सिलेंडर के दाम ही घटा दिए जो लंबे समय तक गरीब जनता के लिए वरदान साबित हो सकता है।

लाखों वोट होगा कांग्रेस के पाले में

उज्जवला योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा सिलेंडर पर 200 रुपए की सब्सिडी प्राप्त होती है। लेकिन प्रदेश में कई परिवारों की शिकायत थी कि, उन्हे सब्सिडी नहीं मिल रही है। इन्ही गरीब परिवारों को लेकर गहलोत ने सियासी पैंतरा चला है, उन्होने प्रदेश में 69 लाख से अधिक उज्जवला योजना के लाभार्थियों को अपने पाले में लाने के लिए यह योजना बनाई है। हम आपको बता दें कि 69 लाख के अलावा 5 लाख ऐसे लोग हैं जो बीपीएल हैं और केन्द्र सरकार की इस योजना से जुड़े नहीं हैं।

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