NDA के मुकाबले UPA के समय ज्यादा थी GDP की रफ्तार, रिपोर्ट ने कराई मोदी सरकार की फजीहत तो मंत्रालय की वेबसाइट से हटाया

25 जुलाई को बैक सीरीज जीडीपी ग्रोथ रिपोर्ट मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर पब्लिश की गई थी. इसमें यूपीए और एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जीडीपी ग्रोथ की तुलना की गई थी. मोदी सरकार की फजीहत होने के बाद इसे वेबसाइट से हटा लिया गया है.

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NDA के मुकाबले UPA के समय ज्यादा थी GDP की रफ्तार, रिपोर्ट ने कराई मोदी सरकार की फजीहत तो मंत्रालय की वेबसाइट से हटाया

Aanchal Pandey

  • August 21, 2018 2:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः देश की आर्थिक विकास दर (जीडीपी) से जुड़ी एक सरकारी रिपोर्ट ने ही मोदी सरकार की फजीहत करा दी. रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि मनमोहन सिंह वाली यूपीए सरकार में जीडीपी की औसत दर नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार से ज्यादा थी. यह रिपोर्ट सरकार से जुड़े एक पैनल ने ही तैयार की है. इसे सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर पब्लिश किया गया था. वर्तमान में डीवी सदानंद गौड़ा मंत्रालय के प्रभारी हैं.

वैश्विक अर्थव्यवस्था की तेजी के दौरान भी भारत का GDP कमजोर क्यों?- कांग्रेस

कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि वाजपेयी जी के समय मे इकनॉमिक ग्रोथ खराब थी. जीडीपी ग्रोथ रेट 5.68 फीसदी थी जिसे यूपीए-1 सरकार ने 8.36 फीसदी तक पहुंचाया. कांग्रेस ने ये भी कहा कि साल 2008-09 में जब कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही थी तब भी यूपीए सरकार ने अर्थव्यवस्था की दर को सबसे ऊपर रखा. लेकिन मोदी सरकार ग्लोबल तेजी के दौरान भी अर्थव्यवस्था को ऊंचा रख पाने में नाकाम रही.

बतौर कांग्रेस जब उन्होंने सत्ता छोड़ी उस वक्त करेंट अकाउंट डेफिसिट जीडीपी 1.7 फीसदी था. साल 2017-18 में ये बढ़कर जीडीपी का 1.9 फीसदी हो गया. कांग्रेस ने पूछा क्या कारण है कि जब वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है उस दौरान भी हमारा जीडीपी ग्रोथ कम होती जा रही है?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 25 जुलाई को यह बैक सीरीज जीडीपी ग्रोथ रिपोर्ट मंत्रालय की वेबसाइट पर डाली गई थी. कुछ दिनों बाद यह रिपोर्ट मीडिया के पास आई और मामले के तूल पकड़ते ही रिपोर्ट को वेबसाइट से हटा दिया गया. सरकार की ओर से सफाई देते हुए कहा गया कि यह रिपोर्ट आधिकारिक नहीं थी. बता दें कि यह रिपोर्ट सरकार द्वारा समर्थित पैनल और जाने-माने अर्थशास्त्री सुदीप्तो मंडल की अध्यक्षता में तैयार की गई थी. रिपोर्ट में साफ तौर पर इस बात का जिक्र किया गया था कि 2010-11 में मनमोहन सरकार की जीडीपी 10.8 फीसदी थी, जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह 6.7 फीसदी है. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र गया है कि यूपीए सरकार के 10 साल के शासन के दौरान जीडीपी 8 फीसदी के आसपास ही रही थी, जोकि नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले 4 साल के मुकाबले से कहीं ज्यादा ही रही है.

गौरतलब है कि अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में मोदी सरकार की फजीहत कराती यह रिपोर्ट हुक्मरानों के माथे पर बल पैदा कर सकती है. कांग्रेस ने इस रिपोर्ट के बहाने मोदी सरकार पर एक बार फिर जोरदार हमला बोला है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि जीडीपी की बैक सीरीज की गणना से जुड़ी रिपोर्ट से साफ हो गया है कि यूपीए के 10 साल (2004-2014) अर्थव्यवस्था के सबसे अच्छे साल रहे. बीजेपी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया कि 2004 के बाद जीडीपी में उछाल एनडीए सरकार द्वारा विकास की दिशा में किए गए कार्यों की देन थी. वहीं दूसरी ओर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट ने भी एक क्विक डेटा एनालिसिस रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि साल 2010-2011 में भारत की विकास दर 10.8 रही थी, जोकि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में सबसे ज्यादा रही है.

कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि वाजपेयी जी के समय मे इकनॉमिक ग्रोथ खराब थी. जीडीपी ग्रोथ रेट 5.68 फीसदी थी जिसे यूपीए-1 सरकार ने 8.36 फीसदी तक पहुंचाया. कांग्रेस ने ये भी कहा कि साल 2008-09 में जब कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही थी तब भी यूपीए सरकार ने अर्थव्यवस्था की दर को सबसे ऊपर रखा. लेकिन मोदी सरकार ग्लोबल तेजी के दौरान भी अर्थव्यवस्था को ऊंचा रख पाने में नाकाम रही.

बतौर कांग्रेस जब उन्होंने सत्ता छोड़ी उस वक्त करेंट अकाउंट डेफिसिट जीडीपी 1.7 फीसदी था. साल 2017-18 में ये बढ़कर जीडीपी का 1.9 फीसदी हो गया. कांग्रेस ने पूछा क्या कारण है कि जब वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है उस दौरान भी हमारा जीडीपी ग्रोथ कम होती जा रही है?

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