September 19, 2024
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गांधी जी को करोड़पति तवायफ ने अपने कोठे पर बुलाया, बदले में मिले थे इतने रुपये!

  • WRITTEN BY: Pooja Thakur
  • LAST UPDATED : September 16, 2024, 9:28 am IST

नई दिल्ली। भारत को आजादी दिलाने में महात्मा गांधी का अहम योगदान है। महात्मा गांधी ने आंदोलन के दौरान तवायफों के घर के दरवाजे भी खटखटाए थे। कुछ समय पहले हीरामंडी नाम की सीरीज आई थी, इसमें एक ऐसी तवायफ का रोल था, जिसने अंग्रेजों के खिलाफ काम किया। असल में भारत में गौहर जान नाम की एक तवायफ थी, जिसने आजादी की लड़ाई में अपने कर्तव्य निभाया था।

तवायफ से मिले गांधी

1920 के दशक में बनारस में गौहर जान नाम की एक तवायफ रहती थीं। उस समय गौहर जान का सिक्का चलता था। महात्मा गांधी हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे। उन्होंने अंग्रेजों से लड़ने के लिए स्वराज निधि की शुरुआत की थी। उसी समय उनकी मुलाक़ात गौहर जान से हुई थी। गौहर जान करोड़पति थीं। उस समय वो भारत के सबसे अमीर लोगों में शुमार थीं। महात्मा गांधी ने गौहर जान से धन जुटाने के लिए मदद मांगी। गौहर जान इसके लिए तैयार हो गईं लेकिन बदले में उन्होंने महात्मा गांधी को अपने कोठे पर आने को कहा।

बड़े वेश्या की बेटी ने गांधी को बुलाया

महात्मा गांधी उस समय आने को तैयार हो गए लेकिन बाद में वो कोठे पर नहीं गए कर बदले में मौलाना शौकत अली को भेज दिया। गांधी जी के इस रवैये से गौहर जाना नाराज हो गई। अपने मुजरा ने उन्होंने 24,000 रुपये जुटाए। उस समय 24,000 एक बड़ी रकम थी। हालांकि गौहर जान से गांधी जी को सिर्फ 12 हजार रुपये ही दिए। गौहर ने कहा कि जब गांधी ने अपना वचन नहीं निभाया तो वो क्यों निभाए। इसलिए पूरे पैसे नहीं देंगी। बता दें कि गौहर जान इतनी अमीर थीं कि उनका अपना निजी ट्रेन था। वो एक वेश्या की बेटी थीं, जिसका बाल्यावस्था में ही यौन शोषण किया गया था। कहा जाता है कि गौहर का 13 साल की उम्र में ही बलात्कार हुआ था।

 

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