नई दिल्ली. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब तालिबान ने सभी देशों से जल्द से जल्द काबुल एयरपोर्ट खाली करने को कहा है. तालिबान के इस फरमान पर अब विश्व के सात सबसे विकसित देशों के संगठन G-7 ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वे 31 अगस्त की समय-सीमा तक काबुल एयरपोर्ट खाली नहीं करेंगे. इन देशों ने तालिबान के सामने शर्त रखी है कि तय समय सीमा के बाद भी अफगानिस्तान से बाहर जाने के इच्छुक अफगान नागरिकों को सुरक्षित रास्ता देना होगा.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि सभी देशों ने इसे तालिबान से किसी भी संपर्क की पहली शर्त माना है. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ किया है कि बिना तालिबान के सहयोग के समय सीमा पर अफगानिस्तान को खाली नहीं कराया जा सकता है. बताया जा रहा है कि जी-7 देशों के वर्चुअल बैठक में तालिबान से निपटने की योजना तैयार की गई है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, बैठक के दौरान हमने न केवल अफगानिस्तान में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए योजना तैयार की है बल्कि तालिबान से जुड़ने के तरीके को लेकर भी बात की है. उन्होंने कहा कि हमने तालिबान के सामने शर्त रखी है कि अगर उसे बातचीत को आगे बढ़ाना है तो 31 अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान में फंसे लोगों को बाहर जाने की इजाजत देनी होगी. उन्होंने कहा कि हमारी इस शर्त को कुछ तालिबानी नेता समझेंगे और कुछ नहीं मानेंगे.
जॉनसन ने कहा, सभी देशों ने तय किया हे कि अफगानिस्तन को दोबारा से आतंकवाद पैदा करने वाला देश नहीं बना सकते हैं. नए अफगानिस्तान में अब 18 साल की उम्र तक लड़कियों केा शिक्षा देनी होगी. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ‘वर्तमान में हम 31 अगस्त तक इस मुहिम को समाप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं. जितनी जल्दी हम इसे समाप्त कर लेंगे. उतना ही बेहतर होगा.
31 अगस्त तक पूरा होना इस बात पर निर्भर करता है कि तालिबान सहयोग करना जारी रखता है या नहीं. उन लोगों को हवाई अड्डे तक पहुंच की अनुमति देता है, जिसे हम बाहर ले जा रहे हैं. तालिबान को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह हमारी इस मुहिम में कोई बाधा ना डाले.’
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