नई दिल्ली: भगोड़े विजय माल्या को अब शीर्ष अदालत से बाड़ा झटका लगा है जहां उसकी संपत्ति जब्त कर ली गई है. दरअसल मुंबई की अदालत ने पहले ही विजय माल्या की संपत्ति जब्त करने को लेकर फैसला सुनाया था. लेकिन माल्या ने हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है बल्कि शीर्ष अदालत ने भी मुंबई कोर्ट के फैसले को आगे जारी रखने का आदेश दे दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या की वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें मुंबई की एक अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी. मुंबई कोर्ट ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर उनकी संपत्ति को जब्त करने का फैसला दिया था. इसी फैसले को सर्वोच्च न्यायलय में चुनौती दी गई थी. ऐसे में माल्या को एक साथ दो बड़े झटके लगे हैं एक ओर उसे आर्थिक अपराधी करार दिया गया है और दूसरी ओर उसकी संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी. बड़ी बात ये है कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में विजय माल्या के वकील ने दावा किया कि उसके पास अपने क्लाइंट से मिली कोई जानकारी नहीं है. वह माल्या के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस तो लड़ रहा था लेकिन वह कई मुद्दों को लेकर क्लियर नहीं था.
बता दें, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब माल्या का वकील अंधेरे में रहकर केस लड़ रहा हो. कोर्ट ने पहले ही भगोड़े माल्या को झटका दे दिया था अब उसे सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है. बता दें, पिछले साल नवंबर महीने में विजय माल्या का एक लड़ने वाले वकील ने इस केस को लड़ने से हाथ पीछे खींच लिए थे. गौरतलब है कि विजय माल्या और SBI के बीच मौद्रिक विवाद चल रहे हैं.
एडवोकेट ईसी अग्रवाल इस मामले में उसके वकील की भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन हाल ही में उन्होंने माल्या का ये केस लड़ने से इनकार कर दिया था. जस्टिस चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच को उन्होंने कहा था कि माल्या अभी ब्रिटेन में हैं. लेकिन वे मुझसे कोई बात नहीं कर रहे हैं मेरे पास उनका केवल ईमेल है. ऐसे में मैं उन्हें रीप्रेज़ेट नहीं कर सकता मुझे अब इस मामले से छुट्टी मिल जानी चाहिए.
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