लंबे अरसे के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने एक साथ मंच साझा किया है। दोनों नेताओं के साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए।
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के दो धुर-विरोधी धड़े- अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट के बीच दूरियां खत्म होती नजर आ रही हैं। राजस्थान कांग्रेस ने बुधवार राजधानी जयपुर में मणिपुर हिंसा और अडानी मुद्दे को लेकर पैदल मार्च निकाला। इस मार्च में पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल हुए।
बता दें कि लंबे अरसे के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने एक साथ मंच साझा किया है। दोनों नेताओं के साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। इसके अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए।
कांग्रेस को विरोध-प्रदर्शन में सचिन पायलट ने लंबा भाषण दिया। इस दौरान अशोक गहलोत, पायलट के भाषण को काफी ध्यान से सुनते हुए नजर आए। मालूम हो कि पिछले 4-5 सालों में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के रिश्ते काफी खटास भरे रहे हैं। अशोक गहलोत जब 2018 से लेकर 2023 तक राजस्थान के सीएम थे, उस दौरान पायलट ने उनकी सरकार के खिलाफ कथित बगावत भी की थी।
पालयट और गहलोत के साथ मंच साझा करने के बाद अब जयपुर के सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या दोनों कांग्रेसी नेताओं के बीच रिश्ते अब सामान्य हो गए हैं? क्या उनके बीच की कड़वाहट दूर हो गई? इसके साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि अब पायलट और गहलोत साथ आकर राज्य की बीजेपी सरकार के दांत खट्टे करेंगे।
खबर ये भी है कि कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत में दोस्ती कराने की कोशिश की है। इन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि दोनों नेता अब एक साथ मंच पर दिखाई दिए हैं। हालांकि इन दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच अभी भी अनबन होती रहती है।
पहली बार सांसद बनीं प्रियंका को भाई राहुल ने दे दी इतनी बड़ी जिम्मेदारी, कांग्रेसी भी हैरान!